प्रदोष व्रत कलयुग का सबसे फलदायी व्रत है    
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कलयुग का सबसे फलदायी व्रत
  

                                   दर्शकों ,           भगवान्  भोलेनाथ बड़े दयालु है और वे अपने भक्तों पर थोडीसी पूजा - पाठ से ही प्रसन्न होकर मनचाहा वर प्रदान करते है , न तो उनको अमूल्य रत्न चाहिये न तो धन बस पवित्र मन से की गयी आराधना से ही वे भक्तो की तरफ खींचे चले आते है , मित्रों कलयुग में कई देवी-देवताओ के व्रतों का आचरण किया जाता है लेकिन हर व्रत से हमें मनचाहा फल प्राप्त नहीं होता क्योंकि हमें इन व्रतोंके  विधि नियम के बारे में पूर्ण रूप से ग्यान नहीं होता ,विधिनियम से किया हर व्रत निश्चित ही फल प्रदान करता है ,दर्शको भगवान् भोलेनाथ का प्रदोष व्रत, शिवरात्रि व्रत और सोमवार वृत कलयुग के सबसे सफल और चमत्कारी फल देने वाले  व्रत है , अगर ईस व्रत का नियम पूर्वक आचरन किया जाए तो ये व्रत  निश्चित ही पूर्ण फल प्रदान करेगे । 
जो लोग आयुष्य ,ग्यान ,ऐश्वर्य ,संतान तथा सुखी जीवन की कामना रखते है उनके लिए इस युग में इससे शीघ्र फलदायी और लाभकारी व्रत दूसरे नहीं है.
 यहां हम बात करेंगे प्रदोष व्रत के बारें में 
महर्षि व्यास जी ने शिवपुराण में इस व्रत का विशेष महत्व बताया है ,वे कहते है के इस व्रत का केवल छह मास तक विधिपूर्वक आचरण करने से ही सारे दुःख और दरिद्रता का नाश होता है,एक साल तक इसका आचरण करने से व्यक्ति को ज्ञान की प्राप्ति होती है ,तथा बारह साल तक इसका आचरण करने से उस व्यक्ति के घर माता लक्ष्मीजी स्वयं चलकर आती है और उस घर में वह स्थायी रूप से निवास करती है जिससे साधक को सभी प्रकारके सुखोंकी प्राप्ति होती है 
महर्षि व्यास यह भी कहते है की जो व्यक्ति इस परम् फलदायी वृत्त का आचरण करता है उसके सारे संकट दूर होते है और उस व्यक्ति को सर्वत्र विजय मिलती है। 
दर्शको इस व्रत में वार अनुसार कई प्रकार होते है लेकिन मुख्यतःतीन प्रकारके प्रदोष व्रत  को विशेष महत्वपूर्ण माना जाता है , जैसे
सोमप्रदोष : सोमवार के दिन आने वाले प्रदोष व्रत को सोमप्रदोष कहा जाता है , इसका आचरण करने से व्यक्ति को आरोग्य प्राप्त होता है ,तथा वह व्यक्ति दीर्घायु को प्राप्त करता है। 
भौम प्रदोष : मंगल वार को आने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष कहा जाता है इसका आचरण करने से साधक ऋण से मुक्त होता है ,तथा अपने शत्रुओंपर विजय प्राप्त करता है। 
शनि प्रदोष : शनिवार को  वाले प्रदोष को शनि प्रदोष कहा जाता है इसका आचरण करने से साधक को संतान की प्राप्ति होती है तथा सभी प्रकार के संकटोंसे मुक्ति मिलती है। 

अन्य वार के अनुसार आने वाले प्रदोष व्रत 

रविवार के दिन आने वाले प्रदोष व्रत का आचरण करने से व्यक्ति को आरोग्य प्राप्त होता है 
बुधवार को आने वाले प्रदोष व्रत का आचरण करनेसे व्यक्ति को ज्ञान की प्राप्ति होती है 
 गुरूवार को आने वाले प्रदोष व्रत का आचरण करने से धार्मिक साधना में सिद्धि मिलती है 
शुक्रवार को आने वाले प्रदोष व्रत का आचरण करने से धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है 
महर्षि व्यास जी के अनुसार सभी प्रकारके प्रदोष व्रत का आचरण करते हुए भगवान शिव जी का सतत नाम जप करनेसे उस व्यक्ति को दिव्य वाकसिद्धि प्राप्त होती है वह  व्यक्ति जो भी भविष्यवाणी करता है वह पूरी तरह से सत्य साबित  होती है.तो दर्शको प्रदोष व्रत कलयुग का सबसे शीघ्र फलदायी व्रत है इसमें कोई संदेह नहीं है इसका प्रमाण हमे कई ग्रंथो में मिलता हैं।