Hydronephrosis, indication,causes,and cure हाइड्रोनेफ्रोसिस: कारण, लक्षण, इलाज

Hydronephrosis-ke-lakshan-kaaran-aur-upaay


हाइड्रोनेफ्रोसिस: कारण, लक्षण, चरण, इलाज

हाइड्रोनेफ्रोसिस और स्वस्थ किडनी

हाइड्रोनेफ्रोसिस एक ऐसी समस्या जो मरीज के मूत्र प्रणाली में रुकावट की ओर इशारा करता है। हमारा शरीर हमें जीवित रखने के लिए अनेक काम करता है, ये सभी काम होते हैं हमारे अंगों के माध्यम से जैसे- ह्रदय, फेफड़े, आंत और किडनी। जो किडनी से संबंधित कार्य होते हैं वास्तव में वे सबसे अधिक और महत्वपूर्ण होते हैं। किडनी हमारे शरीर में भोजन और कई माध्यमों से जाने वाले विषाक्त और बेकार पदार्थों को हमारे रक्त से अलग करके उन्हें पेशाब के माध्यम से बाहर निकाल देती हैं। लेकिन जब किडनी अपने इस काम को धीमा कर देती है तो हो सकता है कि उसमें हाइड्रोनेफ्रोसिस जैसी कोई समस्या आ गई हो।


मनुष्य के जीवनकाल में किडनी कई बार कई तरह की समस्याओं का सामना करती है। इन कई तरह की समस्याओं में से एक है हाइड्रोनेफ्रोसिस (hydronephrosis)। यह वास्तव में एक बीमारी नहीं है, लेकिन गंभीर समस्या जरूर हो सकती है। हाइड्रोनेफ्रोसिस में मरीज की  मूत्र प्रणाली में रुकावट हो जाती है, और इसका पता अल्ट्रासाउंड / सीटी स्कैन के माध्यम  से लगता है। इसे मुख्य तौर पर तीन भागों में विभाजित किया गया है-.


हाइड्रोनेफ्रोसिस (hydronephrosis) क्या है

 हाइड्रोनेफ्रोसिस (hydronephrosis) का शाब्दिक अर्थ है- Hydro : water (पानी)


Nephrosis : filling up of kidneys (किडनी में भर जाना), अर्थात रुकावट के कारण पानी / मूत्र किडनी में भर जाना। एक ऐसी समस्या है जिसमें किडनी को पेशाब बनाने में परेशानी होती है और वह किसी रुकावट के कारण मूत्राशय तक पेशाब को ठीक से नहीं पहुँचा पाती जिसके कारण किडनी में सूजन आ जाती है। यह समस्या मुख्य तौर पर एक किडनी को प्रभावित करती लेकिन कभी-कभी इससे दोनों किडनी भी ग्रसित हो जाती है। हाइड्रोनेफ्रोसिस एक प्राथमिक बीमारी नहीं है, बल्कि यह वह स्थिति है जो किसी अन्य खास बीमारी से उत्पन्न होती है। हाइड्रोनेफ्रोसिस जैसी समस्या मुख्य रूप से 100 में से 1 बच्चे में देखने को मिलती है।


हाइड्रोयुरेटर–

इसमें किडनी से मूत्राशय तक पेशाब पहुँचाने वाली मूत्रवाहिनियाँ (ureter) प्रभावित होती हैं। जब मूत्रवाहिनी में आई हुई रुकावट के कारण वे मूत्राशय तक पेशाब को ठीक से नहीं पहुँचा पाती तो उनमें सूजन आ जाती है।


हाइड्रोयुरेटरनेफ्रोसिस–

इसमें किडनी से मूत्राशय तक पेशाब पहुँचाने वाली मूत्रवाहिनियों (ureter) के साथ-साथ किडनी भी प्रभावित होती हैं। किडनी और मूत्रवाहिनी दोनों में सूजन आ जाने से स्थिति गंभीर हो जाती है।


क्या हैं हाइड्रोनेफ्रोसिस (hydronephrosis) के कारण.

चूंकि हाइड्रोनेफ्रोसिस एक बीमारी नहीं है, बल्कि यह उन आंतरिक और बाहरी स्थितियों के कारण उत्पन्न होती है जो किडनी की कार्यक्षमता और मूत्र प्रणाली को प्रभावित करती हैं।


इनके अलावा कुछ महत्वपूर्ण कारण है जैसे-

अचानक उस मूत्रवाहिनी में रुकावट आ जाना जो किडनी को मूत्राशय से जोड़ती है।

इस समस्या का सबसे आम कारण है किडनी की पथरी जिससे मूत्रवाहिनी या किडनी में रुकावट आ जाती है।

किसी तरह का धाव या खून के थक्के (blood clots) बन जाना।

मूत्रवाहिनी में रुकावट के कारण मूत्र वापस किडनी में जाने लगता है जिससे किडनी में सूजन आ जाती है। मूत्र के इस उल्टे बहाव को (VUR) कहा जाता है।

किडनी और मूत्रवाहिनी के संगम (ureteropelvic junction) पर किसी तरह की गाँठ हो जाना।

पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ जाना।

किसी चोट या जन्म से ही मूत्रवाहिनी का संकुचित होना।

गर्भाशय, मूत्राशय या मूत्रवाहिनी का कैंसर

क्या हैं हाइड्रोनेफ्रोसिस (hydronephrosis) के लक्षण-

ऐसा जरूरी नहीं कि हाइड्रोनेफ्रोसिस अपने लक्षण दिखाए, ऐसा कभी-कभी होता है कि इस समस्या के लक्षण दिखाई देतें हैं। हाइड्रोनेफ्रोसिस  का पता मरीज को उस समय लगता है जब मरीज का किसी और कारण से अल्ट्रासाउंड हो रहा हो।मुख्य तौर पर दिखाई देने वाले लक्षण हैं-.


मुख्य तौर पर दर्द जो पेट के एक ओर होता है, या पीठ में दर्द जो आम तौर पर किडनी की समस्या में होता है।

पेशाब करने में जलन या दर्द होना

मितली और बुखार आना

लक्षण भिन्न-भिन्न हो सकते जो गंभीरता पर निर्भर करते हैं। तीव्र हाइड्र्रोनेफ्रोसिस किडनी की विफलता और गंभीर किडनी संक्रमण का कारण बन सकते हैं।

क्या हैं हाइड्रोनेफ्रोसिस (hydronephrosis) के चरण

हाइड्रोनेफ्रोसिस को मुख्य रूप से चार चरणों में बाँटा गया है। न्यूनतम(minimal) ,सौम्य (Mild), मध्यम (Moderate) और गंभीर (Severe)। इन चरणों को किडनी और उसकी मूत्र बनाने की कार्यक्षमता के हिसाब से विभाजित किया गया है, जिनका परीक्षण अल्ट्रासाउंड के द्वारा किया जाता है। क्या हैं हाइड्रोनेफ्रोसिस के वे चार चरण जिससे मरीज को इलाज कराने में मदद मिलती है-.


1.न्यूनतम (minimal)-

हाइड्रोनेफ्रोसिस का यह चरण है बहुत ही शुरुआती होता है जिसमें समस्या का अंदाजा भी लगाना मुश्किल होता है।


2. सौम्य (Mild)-

हाइड्रोनेफ्रोसिस के इस चरण में किडनी की कार्यक्षमता कुछ ही सीमा तक प्रभावित होती है। यह वह सीमा होती है जो कभी-कभी अपने आप ही ठीक हो जाती है।


3. मध्यम (Moderate)-

हाइड्रोनफ्रोसिस केइस चरण मेंआमतौर पर किडनी की कार्यक्षमता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। सौम्य लक्षण दिखते हैं तो इलाज से  हाइड्रोनेफ्रोसिस  के लक्षणों में बढ़ोत्तरी नहीं होती।


4. गंभीर (Severe)-

हाइड्रोनेफ्रोसिस  केइस चरण में किडनी की कार्यक्षमता में कमी आ जाती है और इसमें किडनी विफलता (kidney failure) जैसी स्थिति भी आ सकती है।


हाइड्रोनेफ्रोसिस  (hydronephrosis) का इलाज

.

हाइड्रोनेफ्रोसिस  के लिए मरीज को दिया जाने वाला उपचार मुख्य रूप से मूत्र के प्रवाह में रुकावट पैदा करने वाले कारण से छुटकारा पाने पर केंद्रित होता है। विशेषज्ञ, मरीज की समस्या के कारण और गंभीरता के अनुसार उसके इलाज का निर्धारण करता है। इसके अलावा अगर मरीज को पहले से कोई बीमारी या संक्रमण है तो उसके आधार पर इलाज किया जाता है।


हाइड्रोनेफ्रोसिस  के कारण मूत्रमार्ग में आई रुकावट के कारण जैसे- गाँठ, खून का थक्का आदि को सर्जरी करके निकाला जा सकता है।

संक्रमणों का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है।

किडनी की पथरी कभी-कभी अपने आप पेशाब के राह बह कर निकल जाती है, यदि ऐसा नहीं होता तो पथरी को एंटोस्केपिक सर्जरी के (endoscopic surgery) माध्यम से हटाया जाता है।

इसके अलावा अगर किडनी से पेशाब को सीधे निकालना हो तो, एक खास तरह की ट्यूब जिसे नेफ्रोस्टोमी (nephrostomy) का इस्तेमाल किया जाता है।

हाइड्रोनेफ्रोसिस या पेशाब में रुकावट की समस्या का इलाज अगर समय पर न किया जाए तो यह इतना गंभीर रूप ले लेती है कि मरीज को डायलिसिस या किडनी (गुर्दा) प्रत्यारोपण के उपचार की जरूरत पड़ जाती है। हालांकि ज्यादातर लोगों को समय पर इलाज करके स्वस्थ किया जा सकता है।


स्थितियाँ जिनमें हाइड्रोनेफ्रोसिस  (hydronephrosis) सामान्य है

गर्भावस्था (pregnancy) के दौरान हाइड्रोनेफ्रोसिस  या पेशाब में रुकावट की समस्या सामान्य हो सकती है। इस अवस्था में जैसे-जैसे माता के गर्भाशय का आकार बड़ता वैसे ही मूत्र प्रणाली में भी कई बदलाव आते हैं। इन्हीं बदलावो के परिणामस्वरूप  हाइड्रोनेफ्रोसिस  या पेशाब में रुकावट की स्थिति आ जाती है। आपके मामले में यह स्थिति सामान्य है या नहीं यह विशेषज्ञ तय करता है, इसलिए विशेषज्ञ को दिखाकर ही कुछ फैसला करें।

  किडनी प्रत्यारोपण के बाद “हाइड्रोनेफ्रोसिस ” सामान्य है। ज्यादातर मामलों में किसी भी इलाज की जरूरत नहीं पड़ती है। इसके अलावा अगर मरीज के विशेषज्ञ (नेफ्रोलॉजिस्ट) को इससे कोई समस्या होने की आशंका है तो वह कोई इलाज कर सकता है।

गर्भावस्था के दौरान जब शिशु माता के गर्भाशय में रहता है, तब शिशु को हाइड्रोनेफ्रोसिस  का होना सामान्य होता है। ज्यादातर मामलों में यह अपने आप ही ठीक हो जाती है, लेकिन जन्म लेने के बाद भी अगर हाइड्रोनेफ्रोसिस  ठीक नहीं हुई है तो विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।

Tags

#किडनी

#किडनी संक्रमण(infection) : कारण, लक्षण, इलाज, टेस्ट

#किडनी में सूजन: कारण, लक्षण, प्रकार, इलाज “हाइड्रोनेफ्रोसिस: कारण, लक्षण, इलाज”

# hydronephrosis Kya hai

# hydronephrosis ke ayurvedic upaay

Disclaimers
'The authenticity or reliability of the information/content/calculations provided in this article is not guaranteed. This information has been sent to you by compiling information from various mediums/astrologers/almanacs/discourses/religious beliefs/scriptures. Our aim is only to convey information, readers or users should take it as information only. Apart from this, the responsibility of its use in any way will be of the user or reader himself.