कालीमिर्च के फायदे जानकर होश उड़ जायेंगे

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दोस्तों आज हम कालीमिर्च के कुछ महत्वपूर्ण औषधि उपयोग के बारे में जानेंगे। कालीमिर्च हमारे घर में आसानी से मिलने वाली आम औषधि हैं। लेकिन 90% लोग ईसके औषधीय गुणों के बारे में नहीं जानते।  

कालीमिर्च  एक बेहतरीन एंटिबायोटिक औषधि के रूप में काफी समय से उपयोग में लाई जाती हैं।आयर्वेदानुसार ये चरपरी, कटु, किंचित तिक्त, लिवर को उत्तेजित करने वाली, दिपक,पाचक, तथा डायजेस्टीव सिस्टम को मजबूत करने वाली हैं। तथा ब्लड सर्कुलेशन को नियमित करने वाली हैं।  

आधुनिक हुई रिसर्च अनुसार इसमें कयी प्रकार के एंटीबैक्टीरियलएंटीआक्सीडेंट्स तत्त्व और कयी प्रकार के महत्त्वपूर्ण अल्कलाईड्स पाएं गयें हैं। इनमें सबसे सक्रिय और महत्वपूर्ण हैं पिपरीनपिपरोलीडीन। जो शरिर में रक्तसंचरण ठीक करने में बहुत ही गुणकारी है। साथ ही रक्त में स्थीत घातक कोलेस्ट्रोल की मात्रा को भी यह कम करता हैं। और शरिर में गांठों को नहीं बनने देता है इसके कारण केंसर जैसे भयानक रोगों से भी बचा जा सकता हैं।

रोगानुसार उपयोग:-

1) पाचनशक्ति कमजोर होना:-(low digestion power)

 अगर पाचनशक्ति कमजोर होने के कारण भुक कम मात्रा में लगती हैं तों एक या दो ग्राम कालीमिर्च का चूर्ण भोजन के तुरंत बाद पानी के साथ लेने से खाया हुआ भोजन ठीक से पाचन होता हैं। और भुक खुलकर लगती हैं।

2) लिवर की कमजोरी:- ( debility of Liver)

 लिवर कमजोर हो गया है तो एक ताजी मुली लेकर दो टुकड़े करले अब ईन टुकड़ों पर कालीमिर्च का एक एक ग्राम चूर्ण डालकर रातभर चांद की रोशनी में रख दें सुबह खाली पेट ईसका सेवन करें तो दो तीन दिन में ही लिवर फिर से मजबूत बनना आरंभ होगा। ईसको कम से कम एक सप्ताह तक ऐसे ही सेवन करें तो लिवर पुर्ण रूप से मजबूत होगा।

3) पुराने त्वचा के रोग:-(chronic skin disease)

 इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीबायोटिक्स गुण प्रचुर मात्रा में होने की वजह से यह सभी प्रकार के नयें ंं और पुराने त्वचा के सभी रोगों में यह बहुत ही फायदेमंद है इसके लिए कच्चे नारियल का दूध निकालकर ईसमे थोड़ा सा कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर अच्छी तरह से घोंट कर ईसका पेस्ट बनाएं। ईस पेस्ट को दाद खाज खुजली पर लगाने से कुछ ही दिनों में ये पुर्ण रूप से ठीक हो जायेंगे।

4)  हिचकी (hiccup):-

अगर हिचकी बंद नहीं हो रही हैं तो ईसकी धुनी ले तो हिचकी अवश्य बंद होती हैं।

5)  सर्दि, खांसी,जुकाम ( cough,cold, catarrh):-

सर्दि खांसी जुकाम में ईसका चुर्ण थोडे से शहद के साथ दिन चार पांच बार लेने से काफी राहत मिलती हैं।

6) मलेरिया बुखार:-( malarial fever)

तुलसी के पत्ते 20 ग्राम लेकर उसमें पांच कालीमिर्च डालकर थोड़ा थोड़ा पानी डालकर ईन्हे अच्छी तरह से कुटकर चटनी सी बनाएं और ईसकी छोटी छोटी गोलियां बनाकर रखें इसमें से एक दो गोली बुखार का दौरा आने से पहले पानी के साथ लें इससे मलेरिया का बुखार ठीक होता हैं।

7) कान में सांय सांय आवाज आना:-( noise in ear due to cold)

अगर ज्यादा सर्दि होने के कारण कान में सांय सांय आवाज आती हैं  तो कालीमिर्च को थोडे से नारीयल के तेल मीला कर थोड़ा गर्म करके कान में डालने से आवाज ठीक होती हैं और कान का ईन्फेक्शन भी ठीक होता हैं।

तो दोस्तों ये थे कुछ कालीमिर्च के घरेलू औषधि उपयोग ईसका लाभ आप अवश्य उठाये।