गुलाब के फूलों के बेहतरीन औषधि उपयोग

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दोस्तों, सभी प्रकार के फुलों में गुलाब के फूलों को एक अलग ही महत्व प्राप्त हैं। ईसका केवल नाम लेने मात्र से ही मन में एक प्रकार की मीठास उत्पन्न हो जाती हैं। और नाक में ईसकी खुशबू प्रतीत होने लगती हैं।ईन फुलों की भीनी भीनी महक दिल में एक रोमांटिक अनुभव का निर्माण करती हैं। 

गुलाब के फूल दिखने में भी बहुत ही सुंदर आकर्षक और मन को प्रसन्न करने वाले होते हैं। इसीलिए ईनको सभी फुलों का राजा भी कहा जाता हैं। प्रेमी-युगलों के लिए तो यह एक वरदान समान ही हैं। यह एक दिल को दुसरे दिल को जोड़ने का काम करते हैं। दोस्तों मजे की बात यह है की गुलाब के फूल बाहरी रूप से जीतने आकर्षक होते उतने ही औषधीय गुण उनके अंदर छिपे होते हैं। 

ये कयी प्रकार के रोगों को ठीक करने की क्षमता रखते हैं। शायद ईन्ही गुणों के कारण गुलाब के फूलों को फुलों का राजा कहा जाता हैं। बाग बगीचे, घर आंगन, वेजेस गुलाब के फूलों के बिना बिल्कुल अधुरे लगते हैं। केवल देखने में ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी यह बहुत ही लाभदायक है। तो दोस्तों आज हम आपको गुलाब के कुछ महत्वपूर्ण औषधि उपयोगों के बारे में बतायेंगे जीससे आपको ईन फुलों का महत्व समझ में आ जायेगा।

दोस्तों, हमारे प्राचीन आयुर्वेद ग्रंथों के अनुसार गुलाब के फूल कटु, तिक्त, कषाय मधुर होते हैं। गुणों में यह शितल, थोडे से रूक्ष, मेध को बढ़ाने वाले, और सौम्य विरेचक माने जाते हैं।यह वात, पित्त, और कफ को नियंत्रित करने वाले और शरीर की कांति को बढ़ाने वाले होते हैं। साथ ही यह शरीर के सप्त धातुओं को शुद्ध करते हैं।

 आधुनिक हुई रिसर्च अनुसार इसमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता हैं । विटामिन सी की कमी को पूरा करने के लिए ईन फुलों का सेवन बहुत ही लाभदायक है। इसमें केल्शिअम भी आवश्यक मात्रा में होने से हड्डीयों के लिए भी यह बहुत ही लाभदायक है। गुलाब के फूलों से गुलकंद और गुलाब जल भी बनाया जाता हैं जो बहुत सारे रोगों में लाभदायक है।

गुलकंद बनाने की विधि

ढाईसो ग्राम गुलाब के फूलों की पंखुड़ियां और ईतनी ही मात्रा में मीश्री लें। अब एक कांच की बरनी लेकर उसे अच्छी तरह से साफ कर लें। अब इसमें पहले थोडी सी गुलाब की पंखुड़ियां डाल दें और ऊपर से थोडा मीश्री का चूर्ण डाल दें।ईसी प्रकार बरनी में गुलाब की पंखुड़ियां और मीश्री के चुर्ण की चार पांच परत डाल दें सबसे उपर मीश्री की परत डालें। फिर ईस कांच की बरनी को ढक्कन लगाकर कडी धुप में एक सप्ताह तक रखें । तों एक सप्ताह के बाद गुलकंद बिल्कुल तैयार होगा। ईसका उपयोग औषधि के रूप में करें।

गुलाब के औषधि उपयोग

बार बार मुंह में छालें होना(Mouth ulcers) - अगर किसी व्यक्ति को बार बार मुंह में छालें आंतें है एक बार दवा का सेवन करने बाद छाले ठीक होते हैं लेकिन फिर से उत्पन्न होते हैं तो सुबह-शाम दस दस ग्राम गुलकंद का सेवन ताजे पानी के साथ लगातार कुछ दिनों तक करें इससे मुंह के छालें जड से ठिक होते हैं और पुनः उत्पन्न नहीं होते हैं।

अधिक मात्रा में दुर्गंध युक्त पसीना आना- (Over sweating with bad odour) जीन लोगों को अधिक मात्रा में और दुर्गंध युक्त पसीना आता हैं उनके लिए भी गुलकंद जबरदस्त लाभकारी होता हैं। ईसके लिए सुबह शाम दस दस ग्राम गुलकंद को नियमित सेवन करने से पसीना कम आने लगता है और पसीने से आने वाली दुर्गंध भी ठीक होती हैं।

कब्ज- (Constipation) -जीन लोगों को कब्ज की शिकायत हो। पेट हमेशा फुला फुला महसूस होता हो। शौच साफ नहीं होता हों। शौच लाने के लिए एलोपैथिक दवाओं का सेवन करना पड़ता हो या फिर किसी विरेचक दवाओं का सेवन करना पड़ता हो तों यह सभी दवा आज से ही खाना बंद करदे। क्यों की इन दवाओं का सेवन आपके आंतो के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता हैं इससे आंते कमजोर होती हैं। और आपको ईन दवाओं की लत लग सकती हैं। यानी अगर आप ईन दवाओं का सेवन करते हैं तभी आपको शौच साफ होगी अन्यथा नहीं। अगर आप बिना कीसी दवा के शौच साफ लाना चाहते हैं तो गुलकंद आपके लिए सबसे बढ़िया विकल्प हैं। इससे ना तो आपकी आंतों पर कोई साईड इफेक्ट होगा और ना ही आपको ईसकी लत लगेगी। ईसके लिए बिस ग्राम गुलकंद और दस ग्राम सौंफ का चूर्ण सुबह खाली पेट और रात को सोते समय गर्म दूध के साथ सेवन करने से शौच साफ होगी और कब्ज- (Constipation) की बिमारी जड से दूर होगी।

हड्डियों की कमजोरी- (Weakness of Bones) गुलाब के फूलों में प्रचुर मात्रा में केल्शिअम होता हैं जीससे हमारी हड्डिया मजबूत होने में मदद मीलती हैं। ताजे गुलाब के फूलों की पंखुड़ियां दस से बिस ग्राम तक दूध के साथ नियमित रूप से लेने से हड्डीयों की कमजोरी दूर होकर हड्डीयां मजबूत होती हैं।

भोजन के बाद बार बार दस्त आना-(Colitis)  यह समस्या कयी लोगों में देखने को मीलती हैं। जैसे ही वे भोजन करते हैं तों भोजन के तुरंत बाद ही उनको शौच के लिए जाना पड़ता हैं।या फिर बार बार थोडी थोडी मात्रा में शौच आने लगती हैं अगर ऐसी समस्या से निजात पाना चाहते हैं तो भोजन के बाद दस से बिस ग्राम गुलकंद का सेवन करें इससे भोजन सही रूप से पाचन होगा और बार बार शौच का आना भी ठीक होगा।

आंखों में लाली और पिडा( Redness of eyes with pain) - अगर किसी कारण आंखों में लाली आ गई है। आंखों में पिडा हो रही हैं तों शुद्ध गुलाब जल की एक दो बुंदे दिन में दो तीन बार आंखों में डालने से आंखों की लाली और पिडा दुर होकर आंखों को ठंडक मीलती हैं।

गर्मी के मौसम में घबराहट महसूस होना (Palpitations due to billiousness)- अगर किसी व्यक्ति को गर्मी के मौसम में घबराहट तथा बैचेनी महसूस होती हैं । धुप में थोड़ा सा ही जानें से पित्त विकार बढता है। जीनको थोड़ी सी भी गर्मी सहन नहीं होती हैं तो गुलाब के एक या दो ताजे फुल सुबह शाम ऐसे ही चबाकर खाएं तों इससे गर्मी के कारण होने वाली घबराहट, बैचेनी, तथा पित्त विकार ठीक होता हैं।

चेहरे के मुंहासे और सौंदर्य बढ़ाने के लिए (Pimples of face)- गुलाब की पंखुड़ियों को कच्चे दूध में मिलाकर अच्छी तरह से पिस लें। फिर ईसमे थोड़ा सा टंकन खार मीला कर चेहरे पर लगाएं। बिस मीनट के बाद चेहरे को ताजे साफ पानी से धो डालें। ईसी तरह से दिन में दो बार यह प्रयोग करने से कुछ ही दिनों में चेहरे के मुंहासे दूर होकर चेहरे का सौंदर्य बढता है।