शनिवार 14 जनवरी, 2023 आज का पंचांग

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Panchang | 14 Jan 2023 | 14 Jan 2023

शनिवार 14 जनवरी, 2023 का पंचांग

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बिता दिवसआगामी दिवस

शनिवार 14 जनवरी, 2023 का पंचांग

आज का पंचांग

वार: शनिवार


पक्ष : कृष्ण पक्ष


तिथि :- कृष्ण सप्तमी - 19:24:10 तक


तिथि विशेष: भद्रा तिथि - सारांश : कोई भी नया कार्य, चर्चा, यात्रा की शुरुआत और शारीरिक व्यायाम आरम्भ करने के लिए अनुकूल।


नक्षत्र: हस्त - 18:14:53 तक


नक्षत्र स्वामी: चन्द्र


नक्षत्र देवता: सूर्य


नक्षत्र विशेष: -


योग: अतिगण - 12:33:40 तक


योग विशेषता : यह अशुभ योग है, शुभ कार्यों को करने के लिए अच्छा नहीं है।


योग का अर्थ : (संकट या बाधाएं) - कई बाधाओं व दुर्घटनाओं के कारण कठिन जीवन; प्रतिशोधी तथा क्रोधी।


करण: विष्टि - 6:52:13 तक,


करण देवता : मृत्यु


करण विशेषता: इसे भद्रा भी कहा जाता है। किसी भी महत्वपूर्ण कार्य के प्रदर्शन के लिए इसे बहुत ही अशुभ करण माना जाता है। इस करण में शुरू किए गए कार्य में थोड़ी सफलता मिल सकती है। विष्टि को भद्रा के नाम से भी जाना जाता है।


सूर्य, चन्द्र गणना

सूर्योदय: 7:15:9


सूर्यास्त : 17:44:20


वैदिक सूर्योदय: 7:19:23


वैदिक सूर्यास्त : 17:40:5


चंद्रोदय: 0:18:59


चंद्रास्त : 11:33:54


चंद्र राशि : कन्या


सूर्य राशि: धनु


दिशा शूल : पूर्व


नक्षत्र शूल चंद्र निवास : दक्षिण


हिन्दू मास एवं वर्ष

शक संवत : शुभकृत 1944


मास अमांत: पौष


विक्रम संवत: रक्षा 2079


मास पूर्णिमांत: माघ


ऋतु : हेमंत


अयन : दक्षिणायन


अशुभ मुहूर्त

राहु कालं : 09:52:27 से 11:11:06 तक


गुलिकालं : 07:15:09 से 08:33:47 तक


यंमघन्त कालं : 13:48:23 से 15:07:02 तक


शुभ मुहूर्त

अभिजीत मुहूर्त : 12:09 से 12:49 तक


14 जनवरी 2023 को क्या है ?

14 जनवरी 2023 को शनिवार है. शनिवार के दिन पर भगवान शनि देव का अमल होता है.


14 जनवरी 2023, शनिवार के दिन के

व्रत, त्यौहार और विशेषताएं

14 जनवरी 2023, शनिवार के दिन 4 व्रत और त्यौहार है


➔ स्वामी विवेकानन्द जयन्ती *सम्वत - (माघ, कृष्ण सप्तमी)➔ भोगी पण्डिगाई - (सौर कैलेण्डर पर आधारित)➔ लोहड़ी - (मकर संक्रान्ति के एक दिन पहले)➔ कालाष्टमी - (माघ, कृष्ण अष्टमी)

➔ जनवरी माह के सभी त्यौहार और व्रत की सूची


पंचांग, (Panchang) पंचांगम एक हिन्दू कैलेंडर (Hindu calender) है. जो खगोलीय घटनाओं पर निर्धारित है. पंचांग में खगोलीय जानकारी को सारणीबद्ध किया जाता है. जिसका उपयोग ज्योतिष या हिन्दू धार्मिक विधान करने के लिए अति महत्वपूर्ण हो जाता है. किसी घटना घटनेपर विशिष्ट नक्षत्र, करण या योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते दिखाई देते है. यह जानकारी ज्योतिष अनुमान द्वारा मिल सकती है. पंचांग का उपयोग कर ज्योतिष गणना द्वारा राशिफल दिया जाता है.


पंचांग (Panchang) शब्द का उपयोग संस्कृत से किया जाता है. पंचांग (Panchang) यानि पांच अंग जो ऊर्जा स्त्रोतोंका प्रतिनिधित्व करते है. यह स्त्रोत दृश्य और अदृश्य दोनों में शामिल है. स्थान या क्षेत्र, समय, तारिक आदि, किसी मुहूर्त के लिए सटीक पंचांग का परिणाम बहुत ही महत्वपूर्ण है. तीथि, योग, वर, नक्षत्र और करण पंचांग की पांच विशेषताएं है. पंचांग की इन पांच विशेषताए जब किसी खास कारन के लिए संतुलन बनाये रखने पर, उसे मुहूर्त कहा जाता है. धार्मिक विधि, विधान करने के लिए, किसी कार्य का प्रयोजन करने के लिए, शुभ मुहूर्त बहोत ही महत्वपूर्ण बन जाता है.


पंचांग की जरुरत ?

पंचांग का उपयोग मुख्यत्वे, काल गणना, तिथि वार, व्रत, शुभ मुहूर्त, देखने के लिए पंचांग का उपयोग किया जाता है. ज्योतिष गाइड के दैनिक पंचांग में नक्षत्र, योग, करन सहित, शुभ - अशुभ समय, मुहूर्त, चंद्र बल, तारा बल पंचांग में आसानीसे उपलब्ध है.


पंचांग (Panchang) का निर्धारण, ब्रम्हांड की गति पर निर्भर है. इसलिए जैसे जैसे पृथ्वी भ्रमण करती है, पंचांग समय क्षेत्र के अनुसार बदलता दिखाई देता है. इसलिए एक ही पंचांग अलग अलग क्षेत्रों के लिए अलग अलग हो सकता है. इसलिए सही पंचांग का समय निर्धारण के लिए, क्षेत्र को चुनना अति महत्वपूर्ण है.

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