जमीन के नीचे का पानी देखने के तीन रहस्य:

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नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है।

 दोस्तों आज हम आपको जमीन के नीचे का पानी देखने तीन रहस्यमई उपाय बतायेंगे जो के प्राचीन ग्रंथ से लीएं गयें हैं।

 हम ईसी ग्रंथ के आधार पर ये उपाय आपको बतायेंगे तो ईस प्रयोग की पुष्टि के लिए आप किसी अन्य जानकार व्यक्ति की सलाह जरूर लें।

दोस्तों हमारे प्राचीन ग्रंथों में हर प्रकार के रहस्य उजागर कीये है । जरुरत है सीर्फ उसे जानने की और प्रयोग करने की।

 तों दोस्तों चलीए जानते हैं कि पानी देखने का उपाय क्या हैं।

करंज का वृक्ष:-

दोस्तों करंज के वृक्ष आसानी से मिल जाते हैं। ईसका उपयोग कयी प्रकार के कार्य में प्रयुक्त होता हैं। तंत्र शास्त्र में भी इसको बहुत सारे प्रयोगों में लाया जाता हैं। शास्त्रों के मुताबिक इस पेड़ से आप जमीन में छुपे पानी के स्रोत को आसानी से जान सकते हैं।

 दोस्तों प्राचीन ग्रंथ के अनुसार खेतों में जहां भी कहीं करंज का अपने आप उगा हुआ वृक्ष है और उस वृक्ष के पास अगर मीटृटी  टिला हों तो उस टिले के दक्षिण में दो हाथ की दूरी पर जमीन के अंदर 25 फीट पर जरूर पानी का स्रोत होता है इसमें कोई संदेह नहीं है।

गूलर का वृक्ष:-

दोस्तों तंत्रशास्त्र में गुलर के पेड को बहुत सारा महत्व प्राप्त हैं। आपने तो कयी बार यह जरूर सुना होगा की जो भी व्यक्ति गुलर के फूल को देखता है तो उसका भाग्य खुल जाता हैं।ईस तरह से कयी प्रकार के तांत्रिक रहस्य ईस वृक्ष में छीपे हैं।

दोस्तों हमारे प्राचीन ग्रंथों के अनुसार गुलर के पेड से यह मालूम कीया जा सकता हैं की जमीन में पानी का स्रोत कहां पर है। यह विधी बिल्कुल आसान है। तंत्र शास्त्र के अनुसार जहां कहीं भी गुलर का वृक्ष अपने आप उगा है तो ईसकी पश्चिम दिशा की ओर तीन हांथ की दुरी पर जमीन में केवल बिस फीट के नीचे मीठे पानी का जोरदार स्रोत निश्चित ही होता हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है। फीर भी आप किसी जानकार व्यक्ति की ओर अवश्य लें। 

निर्गुंडी का पेड़:-

दोस्तों निर्गुंडी के पेड़ या क्षुप जंगलों में स्वयं जात से उत्पन्न होते हैं इससे आप भली-भांति परिचित हैं इसके कारण ईस पेड़ के बारे में ज्यादा जानकारी देने की जरूरत नहीं है। दोस्तों निर्गुंडी भी तंत्र शास्त्र में काफी चर्चित रही हैं।कयी दिव्य प्रयोग इससे किये जाते हैं। हमारे प्राचीन ग्रंथों में इससे जमीन में छुपा पानी आसानी से देखा जा सकता हैं।

ग्रंथों के अनुसार अगर किसी मीट्टी के टिले के पास यह निर्गुंडी का पेड़ उगा हुआ है तो ईसके दक्षिण दिशा में तीन हांथ की दुरी पर जमीन में बिस फीट तक की दुरी पर पानी का स्रोत जरूर होता हैं।

 दोस्तों इस तरह से ये पानी देखने के रहस्य ग्रंथों में वर्णित है इससे संबंधित और कयी प्रकार के रहस्य और भी है जीसको एक एक करके हम आपको बताते रहेंगे । आप इसका शोध के तौर पर उपयोग कर सकते हैं।

तों दोस्तों कमेंट में अपनी राय जरुर दें।