शिवजी की पूजा ऐसे करें:-

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नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है

दोस्तों अगर आप भी भगवान शिवजी की असीम कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो ईस प्रकार उनकी आराधना करें इससे आप पर शिवजी की कृपा सदैव बनी रहेगी।

 दोस्तों शिवजी की आराधना करने के बहुत सारे मार्ग हैं जीससे हम उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं क्यों की भोलेनाथ बड़े भोले हैं आप कीसी भी रूप में उनकी आराधना करते हैं तो भी आपको उसका फल जरूर प्राप्त होगा, शिवपुराण में तो यहां तक कहा गया है की अगर आप अंजाने में भी शिवजी की आराधना करते हैं या उनका नाम लेते हैं तो भी वे कृपा करते हैं।

शिवपुराण में ही एक कथा मीलती हैं, एक गरीब मजदूर दुसरों के खेतों में काम करने के लिए रोज जाता था। एक द ऐसे ही एक व्यक्ति के खेत में काम करने के लिए चला गया उसने अपने साथ दोपहर का भोजन भी लीया था उस दिन उसके भोजन में छांछ से बनी कढी और रोटी थी उसने अपने भोजन का डिब्बा एक वृक्ष पर रख दिया। और वह काम करने के लिए चला गया।

थोड़ी देर बाद एक खरगोश आकर मजदूर के भोजन को खाने की कोशिश कर रहा था उस खरगोश ने रोटी रखी हुएं वस्त्र को दांतों से फाड दिया और ऐसे में रोटी का वस्त्र तिरछा हो गया और उसमें जो कढी का डिब्बा था उसमें से कढी की बुंदे निचे गीरने लगी। योगायोग से निचे एक पुराना शिवलिंग था कढी की बुंदे उस शिवलिंग पर पड रही थी। बस ईसीसे शिवजी उस गरीब मजदूर पर प्रसन्न हो गयें और शिवजी ने बडा चमत्कार दिखाया। उस कढी के डिब्बे में शिवजी ने कुछ लड्डू डाल दिएं

जब दोपहर में मजदूर को भुक लगी तो वह भोजन करने के लिए वहां पर आया तो उसने देखा की उसकी सभी रोटीयां गायब हैं । और डिब्बे में जो कढी थी वह भी निचे गीर गयी हैं।

फिर उसने वह कढी का डिब्बा हाथ में लिया तों उसे थोडा वजनदार महसूस हुआ।जब उसने डिब्बा खोला तो वह बहुत आश्चर्यचकित हुआ। उसको डिब्बे में घी से बने स्वादिष्ट लड्डू दिखें। वह सोच में पड़ गया की आखीर यह स्वादिष्ट लड्डू रखें किसने है। थोड़ी देर सोचने के बाद उसने उन स्वादिष्ट लड्डू खाने का निश्चय किया और एक लड्डू को हाथ में उठा लिया। 

 लेकिन फीर वह आश्चर्यचकित हुआ देखता है तो उस डिब्बे में उतने ही लड्डू शेष है। ईसके बाद उसने दो लड्डू उठायें तो भी डिब्बे में उतने ही लड्डू शेष हैं। उसने दो लड्डू खा लिएं और सिधा अपने घर आया और सभी घटना अपने पत्नी को बताउंगी।तो वह भी परेशान हो गयीं। फिर मजदूर ने अपनी पत्नी और दो बच्चों को एक एक लड्डू दिया तों भी डीब्बे में उतने ही लड्डू शेष रहें।

फीर उसकी पत्नी ने उसे उस खेत में चलने को कहां जहां उसने डिब्बा रखा था। फीर दोनों पति-पत्नी मीलकर वहां पर आये और उस वृक्ष के नीचे अच्छी तरह से देखा तो वहां पर एक शिवलिंग नजर आया और वह कढी गीरने के कारण गीला हो गया था।उन दोनों के समझ में आया की यह सारा चमत्कार भोलेबाबा का ही है। फीर वे दोनों अपने घर वापस चलें आएं और उन लड्डूओंको लोगों में बांटने लगे फीर भी लड्डू कम नहीं हो रहे थे उस दिन से वे दोनों हर दिन उस शिवलिंग का पूजन करने के लिए जाते थे।

तो दोस्तों कहने का तात्पर्य यह है की भोलेनाथ ईतने भोले हैं की अगर आप अंजाने में भी उनकी आराधना करते हैं तो भी आप उनके कृपा के पात्र बनेंगे। और अगर आप सच्चे मन से रोज उनकी आराधना करते हैं तो आपको वे क्या नहीं दे सकते।

तो दोस्तों चलीए जानते हैं की आप भगवान शिवजी की कीस तरह से आराधना करें जीससे उनकी कृपा बनी रहे।

दोस्तों शास्त्रों के अनुसार पुजा करने के लिए शिवलिंग का ही उपयोग करें क्यों की शिवलिंग ब्रम्हांड का रूप माना जाता हैं।

सुबह पवित्र होकर शिवलिंग पर दो लोटे गंगाजल अर्पित करें अगर गंगाजल मीलने में कठीनाई हैं तों कीसी कुएं का शुद्ध जल अर्पित करें इससे ग्यारह रूद्र शांत होकर सुख समृद्धि आयु प्रदान करते हैं। 

शिवजी को हर चीज दो की संख्या में अर्पित करनी चाहीएं क्यों की माता पार्वती शिव की अर्धांगीनी के रूप में शिवलिंग में विराजमान होती हैं। शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग के उपरी हिस्से पर कुंकुम या हल्दी कभी भी नहीं चढानी चाहिए क्यों की शिवलिंग का उपरी हिस्सें में शिव और निचले हिस्से में माता पार्वती विराजमान होती हैं।

 अगर आप हल्दि कुंकुम चढ़ाना चाहते हैं तो शिवलिंग के निचले हिस्से पर चढायें ऊपरी हिस्से पर केवल सफेद पुष्प, बिल्वपत्र और अक्षत चढ़ाएं। शिवजी की पूजा में चावल के अक्षत ( जीसकी क्षती हुईं ना हो ऐसे चावल) मोगरा,चंपक,जातीपुष्प,और सफेद आक के पुष्प का उपयोग करना चाहिए। शिवजी को धतुरे के पुष्प भी बहुत प्रिय हैं उसका भी उपयोग कर सकते हैं। कोर्ट-कचहरी और अपने शत्रु पर विजय प्राप्त करने के लिए शिवजी को सफेद विष्णुक्रांता के पुष्प नित्य अर्पित करें।ईन पुष्पों के साथ दो बिल्वपत्र शिवलिंग पर जरूर चढाएं क्यों की शास्त्रों के अनुसार बिल्वपत्र के बिना शिवजी की पूजा अधुरी मानी जाती हैं। शिवजी की पूजा में बिल्वपत्र का अलग ही महत्व हैं। शिवपुराण के अनुसार शिवजी को बिल्वपत्र अर्पित करने से व्यक्ति के तिन जन्मों के पाप नष्ट होते हैं। भगवान शिवजी ने भी खुद शिवपुराण में कहा है की जो भी व्यक्ति मुझे प्रतीदिन बिल्व पत्र अर्पित करता हैं तों वह मेरे परम पद को जरूर प्राप्त करता हैं । और ऐसे व्यक्ति के दर्शन भी कोई करता हैं तो उसका भी उद्धार होता हैं । इसीलिए शिवजी को नित्य बिल्वपत्र अर्पित करना चाहिए। ईस तरह से शिवजी का पूजन करने के बाद उनको कर्पुर आरती करें और तत्काल नैवेद्य अर्पित करें नैवेद्य अर्पित करने में बिल्कुल देरी ना करें।क्यों की शास्त्रों में कहा गया है की शिवजी हर प्रकार का गुनाह माफ करते हैं लेकिन अगर नैवेद्य में देरी हुई तो शिवजी रूष्ट होकर चले जाते हैं। इसीलिए नैवेद्य में देरी कदापि ना करें।

तो दोस्तों ईस तरह से पुजा करने के बाद रूद्राक्ष की माला पर ॐ नमः शिवाय मंत्र का एक माला जाप करें यह मंत्र शिवजी को बहुत प्रिय हैं कर्मों की इसके एक एक अक्षर का महत्व अलग अलग हैं।

ॐ :- ॐकार

न:- नकार

म:- मकार

शि:- शिकार

वा:- वाकार

य:- यकार

ईस तरह से ईस मंत्र मे पुर्ण ब्रम्हांड का रहस्य छीपा हैं।

तो दोस्तों ईस तरह से आप भगवान शिवजी की पूजा करके उनकी कृपा अवश्य प्राप्त करें।