धनीया खाने के 10 फायदे:-

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नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है

दोस्तों आज हम बात करेंगे धनीया के औषधि उपयोग के बारे में, दोस्तों धनीया हर घर में आसानी से मिलने वाला है।

 हम प्रतीदिन मसालों के रूप में ईसका प्रयोग करते हैं लेकिन 90 प्रतीशत लोगों को ईसके औषधीय गुणों के बारे में पता नहीं है।  

आयुर्वेदानुसार धनीया मीठा, शीतल, कसैला,दिपक,लघु, ग्राही, रोचक, नेत्ररोग में हितकारी तथा पित्तनाशक हैं। यह शरीर की बढी हुई अतीरीक्त गर्मी और घबराहट को दुर करता हैं।

रोगानुसार उपयोग:

पेट का दर्द:- अगर गर्मीयों में पेचीश हो गया है और ईसके कारण पेट में मरोड़, दर्द हो रहा है तों धनीयां के बिजों को कुटकर बारीक चूर्ण बनाएं और इसमें समभाग काला नमक मिलाकर रखें इसमें से एक चम्मच चुर्ण को ताजे पानी के साथ दिन में दो बार लेने से पेट का अपान वायु दुर होकर पेट का दर्द ठीक होता है।

श्वास की दुर्गंध:-जीन लोगों के श्वास में सदा दुर्गंध आती हैं तो धनीयां के बिजों को थोड़ा थोड़ा लेकर चबाने से श्वास की दुर्गंध दूर होती है।


पतले दस्तों में:- पतले पानी की तरह बार बार दस्त आंतें है तो धनीयां के बिजों को थोड़ा सा भुनकर ईसका चुर्ण बनाये और इसमें समभाग मीश्री मीलाकर रखें इसमें से एक चम्मच सुबह शाम लेने से पतले दस्त ठीक होते हैं।

सुजन:- शरीर पर कहीं भी सुजन हों तो उसे ठीक करने के लिए धनीयां के बिज और जौं के बिज की पुल्टिस बांधने से सभी प्रकार की सुजन ठीक होती है।

शरीर में अतिरिक्त गर्मी बढना:-  जीन लोगों के शरीर में अतिरिक्त गर्मी बढ़ गई हो तो ईसके बिजों को थोड़ा थोड़ा कुटले और ईसे रात को पानी में भिगोकर रखें सुबह ईसको अच्छी तरह से मसलकर छान लें और ईसे सुबह-शाम पी लें इससे शरीर की बढी गर्मी ठीक होती हैं।

बवासीर में खून का आना:- अगर बवासीर में मस्सों से रक्त स्राव होता है तो धनीयां के बिजों को दुध और मीश्री मीलाकर औटाकर पीने से खून का आना बंद होता है।

रक्त प्रदर:- रक्त प्रदर में ईसके बिजों का क्वाथ बनाकर इसमें मीश्री मीलाकर पीने से रक्त प्रदर दुर होता है।

पित्त ज्वर:- पित्त ज्वर के कारण शरीर में दाह होता है तो धनीयां के बिज और चावल बराबर मात्रा में लेकर ईसे रात को पानी में भिगोकर रखें, सुबह ईसका काढा बनाकर शहद के साथ लेने से पित्त ज्वर और शरीर की दाह ठीक होती हैं।

भुक की कमी:- धनीयां और सौंठ का काढा बनाकर सुबह-शाम पीने से खुलकर भुक लगती हैं।

आमवात की पीड़ा:- जो लोग आमवात से पिडीत है उनके लिए धनीया बहुत ही उपयोगी है इसके लिए धनीया,सौंठ, और एरंड मुल का काढा बनाकर सुबह-शाम पीने से आमवात में बहुत अच्छा लाभ मिलता हैं।

विर्य का पतलापन:- अगर किसी व्यक्ति का विर्य बहुत ही पतला हो गया है जीसके कारण शिघ्रपतन जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई हैं तों बिस ग्राम धनिया, बिस ग्राम, जिरा, बिस  ग्राम बड के कोमल पत्ते ( जो छाया में सुखाएं हों) ईन सभी औषधियों को कुटकर चुर्ण बनाएं और इसमें फिर बराबर मात्रा में मीश्री मीलाकर रखें। इसमें से पांच ग्राम चूर्ण को दूध के साथ सुबह शाम लेने से विर्य गाढा बनता हैं और शिघ्रपतन भी ठिक होता हैं।
पित्त की उल्टीयां:- अगर शरीर में पित्त की अधिक वृद्धि होने के कारण उल्टीयां हो रही हैं तो दस ग्राम धनिया के बीज का काढ़ा बनाकर मीश्री के साथ लेने से पित्त की बढी हुई मात्रा कम होती हैं और उल्टीयां भी ठीक होती हैं।

पित्तज बुखार:- शरीर में ज्यादा मात्रा में पित्त बढ़ने के कारण अगर पित्तज बुखार आ रहा हैं तो दस ग्राम धनिया के बीज तथा पांच ग्राम सोंठ का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम पीने से पित्तज बुखार जल्द ही पककर ठीक होता हैं।

आपके प्रश्न हमारे उत्तर

धनिया क्या काम आता हैं?
 उत्तर - धनिया मसालों में मुख्य रूप से होता हैं। इसके साथ ही धनिया कयी प्रकार के रोग दूर करने में भी बहुत ही लाभदायक होता हैं। इसका औषधि रूप में सेवन करने से, पेशाब के रोग, पेट के रोग, और गर्मी के कारण होने वाले रोग ठीक होते हैं।

सुखा धनिया पीने से क्या होता हैं?
उत्तर - सुखा धनिया पानी के साथ पीने से शरीर की अतिरिक्त गर्मी दूर होती हैं। और दूध के साथ पीने से शिघ्रपतन दुर होकर विर्य गाढ़ा बनता हैं।

धनिया की तासीर क्या हैं?
उत्तर - धनिया की तासीर ठंडी होती हैं। इसके सेवन से पेशाब की गर्मी दूर होती हैं और गर्मी के कारण बढे हुए पित्त विकार ठीक होते हैं।

धनिया पावडर के फायदे क्या हैं?
उत्तर - वैसे तो धनिया के पावडर के बहुत सारे फायदे हैं। यह मिसालों में भी प्रयुक्त होता हैं। और औषधी रूप में भी लाभदायक है। इसका पावडर सेवन करने से बुखार,उल्टीया, अतिसार, आमांश जैसे रोग दूर होते हैं।

सुखा धनिया और मीश्री के फायदे?
उत्तर - सुखा धनिया और मीश्री का दोनों को अच्छी तरह से पिसकर चुर्ण बनाकर रखें। इसमें से पांच पांच ग्राम चूर्ण को सुबह-शाम दुध के साथ लेने से। विर्य का पतलापन, विर्य की गर्मी, पेशाब में खून का आना, तथा शरीर की अतिरिक्त गर्मी बढना आदि में यह बहुत ही फायदेमंद होता हैं।

जीरा और धनिया के फायदे?
उत्तर - जिरा और धनिया समान मात्रा में लेकर इसका महीन चूर्ण बनाकर इसमें बराबर मात्रा में मीश्री मीलाकर रखें। इसमें से पांच पांच ग्राम चूर्ण को पानी के साथ सुबह-शाम लेने से पेशाब का दर्द, पेशाब मैले रंग का आना , आदि पेशाब संबंधित सभी रोग दूर होते हैं। साथ ही अगर गुर्दे की छोटी पथरी हो तो भी इससे कुछ ही दिनों में निकल जाती हैं। यह शरीर की बढी हुई अधिक गर्मी को भी ठीक करता है। धुप में इसका सेवन बहुत ही लाभदायक होता हैं।

तो दोस्तों यह थे कुछ धनीयां के महत्त्वपूर्ण घरेलू औषधि उपयोग ईसका उपयोग करके इसका लाभ अवश्य उठाएं।