प्रीयाल के बिज के चमत्कारी औषधी उपयोग

Sex-badhane-ki-davas



 नमस्कार दोस्तों, आप सभी का स्वागत है

आप लोगों का प्यार हमे लाईक और शेअर के रुप मे खुब मील रहा हैं, ईसके लीए आप सभी का मनपुर्वक आभार हम व्यक्त करते हैं|

दोस्तों आज ईस महत्वपुर्ण आर्टीकल मे हम आपको प्रीयाल के बिजों की गीरी के अत्यंत महत्वपुर्ण लाभ बतायेंगे तो बने रहे आर्टीकल में ताकी कोई भी महत्वपुर्ण जानकारी आपसे मीस ना हो सकें, अगर हमारा ये आर्टीकल आपको पसंद आता हैं या ईसमे दी गयी जानकारी आपके काम आती हैं तो ईस आर्टीकल को जरुर लाईक करें अपने मीत्रों के साथ शेअर करेंऔर ऐसे ही महत्वपुर्ण आर्टीकल्स और पढने के लीए हमें फॉलों जरुर करें

दोस्तों, प्रीयाल सर्व परीचीत पेड हैं , ईसके बडे बडे पेड प्राय: खुले क्षेत्रों तथा जंगलों मे आसानीसे पाये जाते हैं, ईसमे सीतंबर से लेकर छोटे छोटें झुंडीयो में पुृ्ष्प आते हैं जीसका रंग हल्का क्रीमी या पीत होता हैं।

 पुष्प झडने पर ईसमें छोटे छोटे फल आने प्रारंभ होते है, ईसके फल छोटे हरे रंग के होते है और पकने पर ये हल्की लालीमा लीए दिखाई देते है, ईसमें कडा बिज पाया जाता हैं और बिज में गीरी पायी जाती हैं जो की औषधीय दृष्टी से अत्यंत महत्वपुर्ण मानी जाती हैं वैसे तो ईस पेड के सभी अंगो का उपयोग बाहरी,और भीतरी सेवन के लीए कीया जाता हैं लेकीन बिजों की गीरी को आयुर्वेद में उत्कृष्ट दर्जा प्राप्त हैं|

ईस गीरी को अलग अलग प्रांतो मे अलग अलग नाम से जाना जाता हैं कुछ नाम नीम्न प्रकार हैं|

मराठी - चार गोडंबी, हिंदी-चारोली,संस्कृत-प्रीयाल

बोटेनीकल नेम-बुचानानीया लैंझेन आदी|

आयुर्वेदा नुसार ये बीज ,उष्ण,मेधावी,बल वर्धक,नपुंसकता नाशक,वातरोग नाशक,तथा शरीर का वर्ण बढाने वाले हैं,ईसका सेवन ठंड के दिनो में काफी लाभदायक हैं ,ईन बिजों का उपयोग ड्रायफ्रुट्स के रुप मे प्रचुरता से होता हैं|

आधुनीक रीसर्च अनुसार बिजों की गीरी में कई प्रकारके विटामीन्स,मीनरल्स और प्रोटीन्स पाये जाते है जो की आसानीसे पाचन होते है, रीसर्चर्स का कहना हैं के अन्य ड्रायफ्रुट्स की अपेक्षा ईसमें कई गुना जादा मात्रा में प्रोटीन्स पाये जाते हैं|

ईसके रोगानुसार उपयोग नीम्न प्रकार हैं

 1) नपुंसकता, कामवासना की कमी:- 150 ग्राम प्रीयाल की गीरी को बारीक पीसकर चु्र्ण बनाये और ईसमे फीर जीतना ये चुर्ण हो उतनी ही मात्रा में ईसमें मीश्री मीलाकर सुरक्षीत ढक्कनदार डीब्बें में रखदें ईसमें से 5 ग्राम चुर्ण को दुध के सीथ लेने से कुछ ही दिनें में शरीर की हर प्रकार की कमजोरी दुर होकर शरीर पुष्ट होता हैं, शरीर में वीर्यबढता हैं और नपुंसकता दुर होकर कामवासना मे वृद्धी होती हैं|
Sex-badhane-ke-upaay

2) वात रोग :- जीन लोगों को बार बार वात रोग होता हो, शरीर के जोडों में दर्द होता हो, जोडों पर सुजन आती हों तो प्रीयाल की बिजों की गीरी का 200 ग्राम चुर्ण लेकर उसमें 50 ग्राम सौंठ का चुर्ण मीलाकर रखें ईसमें सें 5 से 10 ग्राम चुर्ण को रोजाना हल्के गर्म पानी के साथ सेवन करने से वात यंबंधीत सभी समस्याओं मे आराम मीलता हैं

3) चेहरे के दाग धब्बे, तथा चमक बढाने के लीए:- बिजों की गीरी को बारीक पीसकर दुध में मीलाकर अच्छी तरह से पेस्ट बनाये ईस पेस्ट को लगातार कुछ सप्ताह तक चेहरे पर लगाने से चेहरे के दाग ,धब्बे,झुर्रीयॉं दुर होकर चेहरे का सौंदर्य बढता हैं|


4) ईसके पेड की छाल को पानी मे पीसकर त्वचा पर लगानेसे त्वचा रोगों मे आराम मीलता है|

5) ईसके बीजों की गीरी को गर्म पानी के साथ पीसकर सुजन पर लगानेसे सुजन दुर होती हैं|

सावधानी:- जीन लोगों को बार बार गुर्दे की पथरी होने की शीकायत हो तो ईसका सेवन ना करेंं या कम मात्रा मे करें|

 तो दोस्तों ईस आर्टीकल मे बस ईतना ही, मीलते है अगले ऐसे ही महत्वपुर्ण आर्टीकल के साथ ये आर्टीकल पढने के लीए आपका बहुत बहुत धन्यवाद.....