इन राशि वालों को मिलेगी शनी ढैयां से मुक्ति

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Shani Dhaiya Relief In 2022: दोस्तों हमारे ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी कोई ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो उसे उस ग्रह का राशि परिवर्तन कहा जाता हैं। ग्रह की इस राशि परिवर्तन का अच्छा या बुरा असर हर राशि पर अवश्य पड़ता हैं। अगर राशि परिवर्तन करने वाला ग्रह कुंडली में अच्छी दशा में है या कुंडली में कारक है तो उस ग्रह का फल भी शुभ मिलता हैं,वही अगर गोचर करने वाला ग्रह जिस किसी व्यक्ति की कुंडली में अकारक हैं,या उसकी प्लेसमेंट गलत है तो निश्चित ही वह ग्रह बहुत ही बुरे फल प्रदान करता हैं। 

यह तो हर व्यक्ति की कुंडली के अनुसार होता है।हर ग्रह के राशि परिवर्तन का प्रभाव कई  राशियों और मानव जीवन पर पड़ता है क्यों की हमारा पुर्ण जिवन ही ग्रहों पर चलता हैं।. इसी के कारण किसी ग्रह का गोचर कुछ राशि के लिए बेहद शुभ माना जाता है, तो कुछ राशियों के लिए बेहद अशुभ फल लेकर आता है. दोस्तों,साल 2022 में भी कई बड़े ग्रह राशि परिवर्तन करने वाले हैं. जिसका प्रभाव हमारे जीवन पर अलग अलग रूप से देखने को मिल सकता हैं।

इन्हीं सभी ग्रहों में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह हैं शनीदेव जो न्याय के देवता माने जाते हैं, इस साल अप्रैल 2022  में शनि राशि परिवर्तन करने वाले हैं. शनि देव को आयु,न्याय और कर्मों के फल देने वाले देवता माना जाता है. आप जिस तरह से कर्म करेंगे उसी तरह से शनिदेव आपको फल प्रदान करेंगे। हमारे प्राचीन ग्रंथों के अनुसार जब शनिदेव कीसी पर कृपा करते हैं तो भिखारी को भी मिनटों में राजा बना देते हैं, और अगर वे किसी पर अपनी अवकृपा डालते हैं तो उस व्यक्ति को मिनटों में भिखारी बना देते हैं। तों दोस्तों आज हम  जानते हैं की साल 2022 किन राशि वालों के लिए शनिदेव शुभ फल प्रदान करेंगे और किन राशियों के लिए अशुभ फल देंगे। शनिदेव के इस गोचर से किन राशियों के जातकों को ढैय्या से मुक्ति मिलने वाली है।

इन राशि के जातकों को मिलेगी ढैय्या से मुक्ति

दोस्तों हमारे ज्योतिष पंचांग के अनुसार शनि देव इस साल 29 अप्रैल को राशि परिवर्तन करने वाले हैं। इस दौरान शनि देव मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करने वाले हैं। शनिदेव के इस राशि परिवर्तन से मिथुन और तुला राशि वालों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिलेगी। यानी इन दो राशि वालों की शनि ढैयां दुर होगी। और कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनिदेव की ढैंयां आरंभ होगी।

शनि वक्री होने से किन राशियों को मिलेगा फायदा:-

20 अप्रैल से कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ये ढैयां आरंभ हो जाएगी। इसके बाद 5 जून को शनिदेव वक्री हो जाएंगे और वक्री अवस्था में 12 जुलाई से फिर अपनी स्वराशि यानी  मकर राशि में राशि चले जाएंगे। इस कारण मिथुन और तुला राशि के जातक फिर से शनि की ढैय्या की चपेट में आ जाएंगे. दूसरी ओर, कर्क और वृश्चिक राशि वालों को कुछ समय के लिए शनि की ढैया से मुक्ति मिल जाएगी.

तों दोस्तों यह था शनिदेव के राशि परिवर्तन का संक्षिप्त राशियों पर पड़ने वाला प्रभाव अगर आप अपनी कुंडली का विस्तृत रूप से विवेचन करना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में अपनी जन्म की तारीख समय, और ठिकान लिखें हम आपकी कुंडली का पुर्ण विवेचन करेंगे।