डायबिटीज़ के लिए वरदान है गुड़मार का सेवन

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दोस्तों आज के समय में लगभग 70 % लोग डायबिटीज से जूझ रहे हैं। वैसे तो एलोपैथी में डायबिटीज के लिए बहुत सारी दवाईयां उपलब्ध हैं जिससे डायबिटीज कंट्रोल में रखा जा सकता हैं। लेकिन एलोपैथिक दवाओं के बहुत सारे साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं इसके लिए डायबिटीज के मरीजों के लिए आयुर्वेदिक औषधियां वरदान की तरह काम करती हैं अगर आप सही रूप से और सही मात्रा में इन औषधियों का प्रयोग करते हैं तो निश्चित ही आपको इससे लाभ मिलता हैं। तों दोस्तों आज हम ऐसे ही एक दिव्य औषधि के बारे में जानकारी देंगे जो की डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इस औषधि का नाम हैं गुड़मार इसका बोटेनिकल नाम Gymnema sylvestris हैं । यह औषधि आपको जंगलों में आसानी से मिल सकती हैं या फीर कीसी भी पंसारी के दुकान से भी इसे आप प्राप्त कर सकते हैं। डायबिटीज़ के रोगीयों के लिए गुड़मार बहुत फायदेमंद है। इसका सेवन करने से कुछ ही समय बाद ब्लड में स्थीत शुगर का लेवल कम होने लगता है। दरअसल, गुड़मार एक बेला हैं जो दुसरे वृक्ष पर चढती हुई नजर आती हैं।  इसका उपयोग प्राचीन काल से हमारे आयुर्वेद में कीया जाता रहा है।

दोस्तों,डायबिटीज एक आटोइम्मुन डीसॉर्डर  है, जिससे दुनियाभर के लाखों लोग प्रभावि है। इतना ही नहीं डायबिटीज अगर बढ़ जाए, जो यह अन्य बीमारियों का कारण भी बन सकती है।  यह बात बिल्कुल सही है की डायबिटीज औषधियों के सेवन से कंट्रोल मेंहो सकती है। लेकिन ऐसा कोई इलाज नहीं है, जो इसे जड़ से मिटा सके। विशेषज्ञों की मानें, तो खराब दिनचर्या और खानपान के चलते डायबिटीज एक आम बीमारी बन गई है। हालांकि अगर, इसे सही तरह से मैनेज न किया जाए, तो यह खतरनाक रूप ले सकती है।

अगर आप भी डायबिटीज से परेशान हैं और ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखना चाहते हैं, तो गुड़मार का सेवन आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकता हैं। आधुनिक हुई कई रिसर्च के अनुसार में यह बात साबित हो चुकी है, कि गुड़मार डायबिटीज के रोगियों के लिए रामबाण हो सकती हैं है। इसका नाम गुड़मार हैं यानी यह शरीर की मिठास को कम करती हैं। अगर आप इसके एक दो पत्तों को चबाकर खाते हैं और बाद में शक्कर या गुड़ का सेवन करते हैं तो आपको थोडी सी भी मीठास महसूस नहीं होगी। इसीलिए इस औषधि का नाम गुड़मार हैं। इसमें एंटी-मलेरियल,एंटी-डायबेटीक गुण प्रचुर मात्रा में होने के कारण यह डायबिटीज के रोगियों के लिएं रामबाण मानी जाती हैं।

आधुनिक हुई एक नई रिसर्च में यह खुलासा हुआ है की स्टडी के बारे में बताता है, गुड़मार के सेवन से आंतों में जमा होने वाली शर्करा की मात्रा काफी हद तक कम हो जाती हैं और इससे ब्लड में शुगर का लेवल कम होने में काफीमदद मिलती है। साथ ही इस औषधि के प्रयोग से इंशुलीन का स्त्राव काफी अच्छी मात्रा में होने लगता जिससे अतिरिक्त शर्करा का सही रूप से पाचन होता है और शर्करा रक्त में कम मात्रा में प्रवाहित होती हैं और इससे रक्त-शर्करा का लेवल काफी नॉर्मल होने लगता हैं। इसके दो या तीन पत्तों  को चबाने से दिनभर ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल होने में मदद मिलती हैं।

गुड़मार का उपयोग प्राचीन काल से  मलेरिया और साप के विष को दुर करने के लिए कीया जाता हैं। इसमें एंटी डायबिटिक गुण काफी मात्रा में पाएं जाते हैं।

गुड़मार में शरीर की शर्करा को पुरी तरह कम नही करती हैं।यह सिर्फ बड़े हुए शर्करा की मात्रा को नॉर्मल करके ग्लूकोज को कम करने की क्षमता रखती हैं। रिसर्च  में पाया गया है कि इसे अगर खाना खाने से 30 मिनट पहले दिया जाए, तो यह टेस्ट बड्स को बधीर कर डायबिटीज में लगने वाली अतिरिक्त भूख और मीठा खाने की इच्छा को कम करता है।

गुड़मार वजन घटाने में बहुत मददगार है। इसमें टाइप 2 डायबिटीज के एटिओलॉजी और पैथोफिजियोलॉजी से जुड़े कई कारकों को एक साथ प्रभावित करने की क्षमता है।


टाइप-2 डायबिटीज के लोगों के लिए फायदेमंद गुड़मार

गुड़मार का सेवन टाईप 2 डायबिटीज में बहुत ही फायदेमंद होती हैं।

 क्या और कैसे होती है डायबिटीज

टाइप-1 डायबिटीज एक ऑटोइम्यून डिसॉर्डर  है, इसमें स्वादुपिंड इंसुलिन का उत्पादन सही मात्रा में नहीं कर सकता हैं।  जबकि टाइप 2 डायबिटीज एक लाइफस्टाइल डिसॉर्डर माना जाता है।

मीठा खाने की इच्छा को कम करती हैं गुड़मार:-

  यह गुड़मार औषधि मीठा की लत को कम करती हैं और साथ ही शुगर की मात्रा को भी काफी हद तक कम करती हैं। यह सेवन करने के कुछ ही समय में अपनी क्रीया आरंभ करती हैं जिससे कुछ ही समय में शर्करा का लेवल काफी हद तक कम होता है।

 की एक रिपोर्ट के अनुसार, गुड़मार में मौजूद तत्त्वों के कारण यह  को आंतों में जमी शर्करा के अवशोषण को कम करने और इंसुलिन का सेक्रेशन बढ़ाने के लिए बहुत ही फायदेमंद होता हैं, जो मिनटों में ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता हैं।