माघ मास में प्रदोष व्रत कब हैं? पुजा का मुहुर्त कब हैं?(Triyodashi vrat in maagh Maas)

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दोस्तों, कलयुग में भगवान शिव का सबसे फलदाई व्रत प्रदोष, शिवरात्रि, और सोमवार व्रत हैं।इसका विस्तृत रूप से विवरण हमारे सभी ग्रंथों में विशेषकर शिवमहापुराण में देखने को मिल सकता हैं। हमारे ग्रंथों के अनुसार इन सभी व्रत का विधि-विधान से कोई आचरण करता है तो निश्चित ही उनको अन्य व्रतों की अपेक्षा इन व्रतों में शिघ्र ही फल मिलता हैं। तों दोस्तों आज हम आपको बतायेंगे की माघ महीने में भगवान शिवजी का यह परम पावन और शिघ्र फलदाई व्रत कब हैं इसके बारे में बताएंगे।

Pradosh Vrat 2022: दोस्तों हमारे पंचांग के अनुसार हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. तो आइए जानते हैं कि माघ मास में प्रदोष व्रत कब है और पूजा का समय (Puja Muhurat) कब है?

Pradosh Vrat 2022: दोस्तों हमारे पंचांग के अनुसार हर मास की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. हर मास में दो प्रदोष व्रत होते हैं. इस समय माघ मास का कृष्ण पक्ष चल रहा है. माघ मास का पहला प्रदोष व्रत आने वाला है. इस दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है. शिव जी के आशीर्वाद से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं, निरोगी जीवन प्राप्त होता है और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है, संतान की प्राप्ति होती हैं,और चढा हुआ कर्जा उतर जाता हैं। और उस व्यक्ति को हर प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं। भगवान शिव बड़े ही दयालु और बोले हैं अपने भक्तों को वे कभी भी निराश नहीं करते हैं, उनको प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत का आचरण बहुत ही बढ़िया व्रत हैं । तो दोस्तों आइए जानते हैं कि प्रदोष व्रत कब है और पूजा का मुहूर्त (Puja Muhurat) क्या है?

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 29 जनवरी दिन शनिवार को रात 08 बजकर 37 मिनट पर हो रहा है. त्रयोदशी तिथि अगले दिन 30 जनवरी को शाम 05 बजकर 28 मिनट तक है. प्रदोष व्रत के लिए प्रदोष काल मुहूर्त 30 जनवरी को प्राप्त हो रहा है, इसलिए 30 जनवरी को रवि प्रदोष रखा जाएगा.

माघ मास के प्रदोष व्रत के लिए पूजा का मुहूर्त 30 जनवरी को शाम 05 बजकर 59 मिनट से रात 08 बजकर 37 मिनट तक है. यदि आप प्रदोष व्रत रखते हैं, तो आपको इस समय में भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. प्रदोष पूजा मुहूर्त इस लिए देखा जाता है क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष काल में ही भगवान शिव प्रदोष व्रत के दौरान नृत्य करते हैं और उनके आसपास सभी देवी देवता घिरे रहते हैं।

प्रदोष व्रत के दिन शुभ मुहूर्त: दोपहर 12:13 बजे से दोपहर 12:56 बजे तकविजय मुहूर्त: दोपहर 02:23 बजे से दोपहर 03:06 बजे तकअमृत काल: रात 08:04 बजे से रात 09:30 बजे तकसर्वार्थ सिद्धि योग: देर रात 12:23 बजे से 31 जनवरी को प्रात: 07:10 बजे तकराहुकाल: शाम 04:38 बजे से शाम05:59 तक रहेगा।

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