ईम्युनीटी बढ़ाने के जबरदस्त उपाय
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नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है।

 दोस्तों वर्तमान समय में चल रहे कोरोना महामारी से लढने के लिए दुनिया का हर व्यक्ति अपने शरीर को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए हर तरह का प्रयास कर रहा हैं। और यह बिल्कुल सही भी है क्यों की अगर हमारा शरीर स्वस्थ और मजबूत होगा तो अपने आप ईम्युनीटी भी स्ट्रॉंग होगी। इसमें कोई संदेह नहीं है।

 लेकिन महत्वपूर्ण बात तों यह है की आखीर हम कौनसी औषधियों का सेवन करें जीससे हमारी ईम्युनीटी स्ट्रॉंग बन सके। 

दोस्तों हमारे प्राचीन आयुर्वेद ग्रंथों में ऐसी कई शक्तीशाली औषधीयों का वर्णन मिलता हैं जीसका सेवन करने से न सिर्फ हमारा शरीर मजबूत होता हैं बल्कि वृद्ध शरिर भी पुर्ण रूप से जवान हो जाता हैं। ऋषि च्यवन ने कई शक्तीशाली औषधीयों के मीश्रण से दिव्य च्यवनप्राश का निर्माण किया और ईसीका सेवन करके वे वृद्धावस्था में भी पुनः जवान हो गये।

 तों दोस्तों कहने का तात्पर्य यह है की अगर आप अपने शरीर को अंदर से मजबूत करना चाहते हैं तो केवल आयुर्वेद ही एकमात्र विकल्प हैं। ईसका निरंतर सेवन हमें कई बडी बडी और दिर्घकालीन रोगों से दूर रहने में मदद करेगा और हम जीवनभर स्वस्थ रहेंगे तथा दिर्घायु भी प्राप्त करेंगे।

यह महत्वपूर्ण बातें ध्यान रखें:-

1) रात को देर तक ना जागे इससे पाचनशक्ति कमजोर होती हैं और आप चाहें कीतनी भी कीमती औषधीयों का सेवन करें उसका पुर्ण रूप से पाचन नहीं होगा।

2) गलत आदतों से दूर रहे इससे भी शरीर अंदर से कमजोर होता हैं।

3) स्ट्रेस ना लें अगर आप छोटी छोटी बातों पर स्ट्रेस लेते हैं तो इससे भी आपका शरीर कमजोर होगा आप चाहें कुछ भी खा लें वह आपके शरीर को नहीं लगेगा।

4) नियमित रूप से सुबह-शाम थोड़ा थोड़ा व्यायाम जरूर करें इससे बॉडी की सभी सिस्ट्म्स ठीक से कार्य करने लगेगी।

  ईम्युनीटी बढ़ाने के बेहतरीन उपाय:

आंवला- 50 ग्राम और सौंठ 10 ग्राम, तथा कालीमिर्च 5 ग्राम लेकर तीनों को अलग-अलग पिसकर छानकर आपस में मीलाकर कीसी साफ सुखे डिब्बे में रखें इसमें से 3-5 ग्राम चूर्ण को पानी के साथ सुबह शाम लेने से शरीर स्वस्थ होता हैं और ईम्युनीटी बढ़ती है।

गीलोय- को भी रसायन औषधि का दर्जा प्राप्त है इसमें केंसर जैसे रोगों को ठीक करने की शक्ति हैं। ईसके तने का ताजा रस लगभग 20-25 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम पीने से शरीर सभी प्रकार के रोगों से मुक्त होता हैं और ईम्युनीटी बढ़ती है। गीलोय का उपयोग करके कंपनीया बहुत सारी दवाएं बनाती जीसको खरिदकर हम खाते हैं लेकिन ताजे रूप में हम ईसका सेवन कभी नहीं करते हैं यह हमारा सबसे बड़ा बॅडलक हैं।

गीलोय सत- गीलोय सत 1-2 गुंजा की मात्रा में थोडे से शहद के साथ सुबह शाम लेने से शरीर की कोशिकाओं को बल मिलता है तथा शरीर स्वस्थ होकर ईम्युनीटी स्ट्रॉंग होती हैं।

 बन तुलसी- बन तुलसी के पत्तों का रस लगभग एक एक चम्मच सुबह शाम शहद के साथ लेने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।)

 सहीजन - सहीजने के पत्तों और फलीयो में 'टेरीगोस्पर्मीन' नामक एक शक्तीशाली एंटीबायोटिक् तत्व पाया जाता हैं। जीससे रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने में मदद होती।

 निम - की अंतरछाल 5 ग्राम लेकर ईसको ढाई सौ ग्राम पानी में उबालें जब केवल पचास ग्राम पानी शेष रहें तब उतारकर छान कर सुबह शाम पी लें ईससे शरीर की अंदरूनी शक्ती बढ़ती है।

मुलैठी- मुलैठी,  अमृता और पित्तपापडा का काढा बनाकर सुबह-शाम पीने से शरीर के सभी रोग दूर होकर शरीर स्वस्थ रहता हैं और ईम्युनीटी स्ट्रॉंग होती हैं।

असगंध - 2-3 ग्राम असगंध का चूर्ण शहद और दुध में मीलाकर दिन में दो बार लगातार सेवन करने से शरीर की कोशिकायें मजबूत होती हैं और हर प्रकार की कमजोरी दूर होकर ईम्युनीटी बढ़ती है।

लहसुन-  लहसुन की कच्ची कलियां 4-5  सुबह-शाम खाने से ईम्युन सिस्टम मजबूत होती हैं। लहसुन में कईं तरह के एंटीबायोटिक्स और एंटीबैक्टीरियल तत्त्व पाएं जाते हैं साथ ही इसमें गंधक के तत्व भी प्रचुर मात्रा में होने के कारण यह आयुर्वेदा का स्ट्रॉंग एंटीबायोटिक्स माना जाता हैं इससे कई प्रकार के घातक जीवाणु नष्ट होते हैं। इसीलिए यह एक स्ट्रॉंग ईम्मुनोमोड्युलेटर का कार्य करता हैं।

 प्याज - प्रतीदिन एक कच्चा प्याज दोनों समय के भोजन के साथ लेने से भी ईम्युनीटी बढ़ने में मदद होती हैं। क्यों की प्याज में ऑक्झालीक एसीड प्रर्याप्त रूप में। होता हैं जो कई प्रकार के जीवाणुओं को नष्ट करने की क्षमता रखता है। अगर आप ईसे नियमित रूप से सेवन करते हैं तो आपको सर्दि खांसी जुकाम कभी भी नहीं होगा।

शहद - सुखे आंवले का चूर्ण एक चम्मच सुबह शाम शहद के साथ लेने से ईम्युन सिस्टम मजबूत होती हैं। आंवला रसायन माना जाता हैं जो हमारे शरीर को नयी उर्जा और शक्ती प्रदान करता हैं।

 निंबू -  का सेवन भी ईम्युनीटी को बढ़ाने के लिए बहुत ही लाभदायक है। इसमें अस्कॉर्बिक एसीड प्रर्याप्त मात्रा में होने के कारण यह घातक जीवाणुरोधी सिद्ध हुआ है। ईसका रस लगभग 10-20 मीली सुबह शाम लेने से ईम्युन सिस्टम मजबूत होती हैं।

 हल्दी - हल्दी में भी कई तरह के एंटीबायोटिक्स और एंटीबैक्टीरियल एंटीआक्सीडेंट्स तत्त्व पाएं जाते हैं साथ ही यह रक्तसंचरण को भी बढाती हैं। आपको पता होगा की चोट लगने पर हल्दी का पावडर दुध के साथ लिया जाता हैं । ईसका कारण यही है की इसमें कई प्रकार के एंटीबैक्टीरियल एंटीआक्सीडेंट्स और एंटीबायोटिक्स गुण प्रचुर मात्रा में है। ईसके 2-3 ग्राम चूर्ण को पानी के साथ लेने से शरीर वज्र के समान मजबूत होता हैं ऐसा हमारे प्राचीन आयुर्वेद ग्रंथों में वर्णन मिलता हैं।

 माषपर्णी - माषपर्णी का सेवन करने से शरीर अत्यंत मजबूत होता हैं। माषपर्णी खेत खलिहानों में आसानी से मिल जाती हैं इसके पत्ते और फलीयां बिल्कुल उडद के समान होते हैं। ईसे जंगली उडद भी कहा जाता हैं। हमारे आयुर्वेद में ईसकी गणना अष्टक वर्ग में होती हैं। लेकिन हम ईसे साधारण घास समझकर फेंक देते हैं। माषपर्णी के पंचांग का छाया में सुखाया हुआ चुर्ण 2-3 ग्राम की मात्रा में दूध के साथ लेने से शरीर अत्यंत मजबूत होता हैं। और ईम्युनीटी स्ट्रॉंग होती हैं। 

तों दोस्तों यह थे कुछ महत्वपूर्ण घरेलू नुस्खे ईसको अपनाकर आप अपने शरीर को स्वस्थ और मजबूत रखें और ईम्युनीटी स्ट्रॉंग करें।