लु लगने के 10 उपाय:-

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नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है।

दोस्तों फरवरी का महीना समाप्त होते ही सुर्यदेव अपनी पुरी शक्ती के साथ अपना प्रभाव दिखाते हैं। अपने प्रखर और तिक्ष्ण कीरनों से ना जाने कितने लोगों को वे घायल कर देते हैं।

कडी धुप में हर व्यक्ति का शरीर प्रभावित हो जाता हैं। शरिर में थकावट महसूस होना, टेंपरेचर का बढना, पित्त विकार में वृद्धि होने के कारण पित्तज बुखार तथा पित्त की उल्टीयां होना तथा कयी बार खुन की उल्टीयां, पानी के समान पतले दस्त,पेशाब में खून आना, नकसीर फूटना आदी बहुत सारे रोग मुख्य रूप से कडी धुप के कारण से ही उत्पन्न होते हैं। 

ईसके लिए व्यक्ती को चाहिए की कडी धुप से दूर रहे यही लु से बचने का एकमात्र विकल्प हैं। अगर कडी धुप की एक किरन भी शरीर में प्रवेश करती हैं तो बड़े से बड़े योद्धाओं को भी घुटने टेकने पर मजबुर करती हैं। ईसके कारण कयी बार शरिर का टेंपरेचर सौ डीग्री से भी उपर चढ़ जाता हैं। जीससे ब्रेन स्ट्रोक की संभावना भी बढ़ जाती हैं। साथ ही कडी धुप के कारण हमारी बाहरी त्वचा भी डेमेज होती हैं और ईसका असर सौंदर्य पर भी पड सकता हैं।

दोस्तों आज हम बात करेंगे की गर्मी के मौसम में आप अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए क्या उपाय करें। जीस से आप फीट रह सके। 

गर्मी का मौसम सभी मौसमों से काफी अलग और हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाला होता हैं। क्यों की ईस मौसम में पाचन, पेशाब,और बॉडी टेंपरेचर से संबंधीत कयी प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ईसके कारण गर्मीयों में काफी सावधानी रखने की जरूरत होती हैं।

 गर्मी से बचने का सबसे बढीया उपाय है अपने आप को कडी धुप से दूर रखें। बाहर जाते समय केप या छत्री का उपयोग करें, आंखों को धुप से बचाने के लिए सनग्लासेस का उपयोग जरूर करें। ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं। लेकिन धुप में जाकर आने के बाद कम से कम आधा घंटा पानी ना पिएं । आधे घंटे के बाद थोडा थोडा पानी पी सकते हैं। फ्रिजर का पानी तो भुलकर भी ना पिएं । अगर आप कडी धुप से दूर रहेंगे तों लु लगने की संभावना कम होगी। अगर  फिर भी कोई समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं तो उसका उपाय जरूर करना चाहिए।

गर्मीयों में पथ्य और अपथ्य:-

चाय, काफी,मीर्च, मसालें, शराब,आचार, बैंगन, उड़द,मसुर,तली हुई चीजें, घी,पोहा,ब्रेड,टोस्ट खट्टी चीजें आदी का सेवन कम ही करें। इससे पित्त में वृद्धि होकर शरीर में अतिरिक्त गर्मी बढ सकती हैं।  हल्का सुपाच्य और मधुर और फीका भोजन, समय पर भोजन करना, हितकारी होता हैं।

ईन बातों को ध्यान में रखें:-

1) ज्यादा ऑयली चिजे,घी का सेवन ना करें क्यों की गर्मीयों में हमारी डायजेशन पावर कम हो जाती हैं।

2) ज्यादा मात्रा में चाय, मसालों का सेवन ना करें इससे पित्त में वृद्धि हो सकती हैं।

3) धुप में जाते समय छत्री और सनग्लासेस का उपयोग करें

धुप में से घर आते ही कम से कम बिस मीनट तक अपने शरीर को नॉर्मल स्थीती मे आने दें इसके बाद ही एक दो घुंट पानी पिएं। फ्रीजर का पानी ना पिएं।

4) ज्यादा एक्झरसाईज ना करें इससे शरीर की मांसपेशियां नष्ट हो सकती हैं।

5) हलका और नॉर्मल भोजन करें

कुछ लाभकारी उपाय:-

 कच्चे प्याज को भोजन के साथ लेने से लु लगने की कम संभावना होती है।

 लु लगने के कारण सिर में दर्द हो रहा है तो सफेद चंदन को पानी के साथ पेस्ट बनाकर सिर पर लगाने से दर्द ठीक होता है और शरीर का तापमान भी सामान्य हो जाता है।

 लु लगने के कारण पित्त की उल्टीयां हो रही हैं तो  बिस ग्राम गुलकंद पानी के साथ लेने से पित्त की उल्टीयां ठीक होती हैं।पित्त की उल्टीयां होने पर गोपीचंदन का चूर्ण दो तीन ग्राम ठंडे पानी के साथ लेने से भी आराम मिलता हैं।

लु लगने के कारण अगर पेशाब में दर्द होता हैं या पेशाब के साथ खुन आता हैं तो बिस ग्राम धनिया के बीज रात को पानी में भिगोकर रखें सुबह ईसको अच्छी तरह से मसलकर छान लें फिर ईसमे मीश्री मीलाकर पिएं तो इससे पेशाब का दर्द और खुन का आना ठीक होता हैं।लु के कारण पेशाब से खून आ रहा हैं तो आंवले का चूर्ण और मिश्री ताजे पानी के साथ सेवन करने से भी लाभ मिलता हैं। इससे पेशाब में खून का आना ठीक होता हैं।

 लु लगने के कारण अगर शरीर का तापमान बढ गया है तों थोडे से पानी में कंकड वाला नमक डालकर अच्छी तरह से घुला दें और ईस पानी की पट्टीयां, अपने पुरे शरीर पर लगाएं। पट्टीयां सुखने के बाद फिर ईसको ईसी पानी में भिगोकर शरीर पर लगाते रहे तो कुछ ही समय में शरीर का तापमान कम होगा।

 लु लगने के कारण अगर खुन की उल्टीयां हो रही हैं तो जीरे और धनीयां के बिजों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं और इसमें थोडीसी मीश्री मीलाकर पिएं तो इससे खुन की उल्टीयां बंद हो जाएगी।

 लु लगने के कारण अगर शरीर में अतिरिक्त गर्मी का एहसास होता है तो देशी गुलाब की पंखुड़ियां और शिशम के पत्तों को कुटकर उसका रस निकाल लें और फिर ईसमे मीश्री और थोड़ा सा बर्फ मीलाकर पिएं तो इससे शरीर की अतिरिक्त उष्मा ठीक होती है। और शरिर में ठंडक आतीं हैं। साथ ही शरीर का तापमान भी सामान्य होने में मदद होती हैं।

  लु लगने के कारण अगर डीहैड्रेशन जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है तो एक निंबू लेकर एक ग्लास पानी में निचोड़ दें फिर ईसमे एक चुटकी नमक और चीनी मीलाकर दिन में दो तीन बार पिएं इससे शरीर में पानी की मात्रा बढ़ेगी और रिहैड्रेशन होगा।ईसे हर कोई व्यक्ति ले सकता हैं इससे शरीर में पानी की मात्रा नियंत्रित रहेगी और लु लगने का भय नहीं रहेगा।

 लु लगने पर दस ग्राम इमली के गुदे को थोडी देर पानी में भिगोकर रखें फीर ईसे अच्छी तरह से मसलकर छानकर पी लें तो इससे निश्चित ही लु उतर जायेगा।

एक कच्चा आम लेकर ईसको पानी में उबालकर पिस लें फीर ईसमे मीश्री मीलाकर ईसका सेवन करें इससे भी लु उतर जायेगा।

 तरबुज का रस लगभग एक ग्लास लेकर उसमें मीश्री और थोड़ा सा बर्फ डालकर पीने से लु उतर जायेगा और शरीर में ठंडक महसूस होगी।

तेज बुखार आने पर चंदन को पानी में घिसकर पेस्ट बनाएं और ईस पेस्ट को माथे पर,हाथ की हथेलियों पर और पैरों के तलवों पर लगाएं इससे कुछ ही समय में शरीर का बढा हुआ टेंपरेचर नॉर्मल होगा और बुखार भी ठीक होगा।

 धुप में जाने के कारण अगर चेहरा काला पड गया है तो थोडा सा गुलाब जल लेकर उसमें, चंदन का चूर्ण और मुल्तानी मिट्टी मिलाकर पेस्ट बनाएं इस पेस्ट को धुप में जाते समय और रात को सोते समय चेहरे पर लगाएं इससे चेहरे का कालापन दूर होता हैं। यह पेस्ट सनस्क्रीन का काम करती हैं।

 लु लगने के कारण अगर पित्त बढ गया है और पतले पानी की तरह अतिसार हो रहे हैं तो एक कप गाय का कच्चा दूध लेकर उसमें निंबू निचोड़ दें और तुरंत ही ईसे पी लें इससे पानी की तरह आने वाले अतिसार ठिक होते हैं।

 लु लगने के कारण अगर नाक से खून बह रहा हैं तो पिपल के पत्तों का रस निकालकर ईसकी बुंदे नाक में डालने से खून का आना बंद होता हैं। साथ ही चंदन, धनीया,और शिशम के पत्तों का काढ़ा बनाकर पिएं तों जल्द ही लाभ मिलेगा। या फिर चंदन के पेस्ट को नाक पर गाढा लेप करें। साथ ही इसके चुर्ण को गुलकंद के साथ सेवन करें इससे जरूर लाभ होगा

 तो दोस्तों ये थे कुछ लु लगने से उत्पन्न होनेवाली समस्याओं के लिएं घरेलू उपाय ईसे आजमाएं और ईसका लाभ अवश्य उठाये।