बेल के पेड़ से होगी माता लक्ष्मी की कृपा:-

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नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है!

दोस्तों आज हम आपको बेल के पेड़ से संबंधित एक ऐसा दिव्य चमत्कारी प्रयोग बतायेंगे जो आपको हर तरह का सुख, समृद्धि, और धन धान्य से समृद्ध बनायेगा। ईस साधना को पुर्ण श्रद्धा और विश्वास से अगर आप करते हैं तो ईसका फल आपको जरूर मिलेगा।

दोस्तों बेल के पेड़ आमतौरपर सभी जगह आसानी से मिल जाते है। ईसके पत्र भगवान शीवजी को बहुत ही प्रिय है। ईन बिल्व पत्र के बगैर भगवान शिवजी की पूजा अधुरी मानी जाती है। शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति भगवान शिवजी को प्रतिदिन बिल्व पत्र अर्पित करता हैं उसके तीन जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। क्यों की बिल्व पत्र में तीन दल होते हैं इसीलिए शिव जी बिल्व पत्र अर्पित करने वाले व्यक्ती के तीन जन्मों के पाप नष्ट करते हैं। कयी बार बिल्व पत्र में पांच दल भी पाएं जाते हैं लेकिन यह बहुत ही दुर्लभ है और संयोग से ही प्राप्त होते हैं पांच दल के बिल्व पत्र भगवान शीवजी को अर्पित करने से उस व्यक्ति के पांच जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। भगवान शिवजी ने खुद शिव पुराण में कहा के जो भी व्यक्ति मुझे प्रतीदिन बिल्व पत्र अर्पित करता हैं वह बहुत बडे पुण्य का भागीदार होता है और वह व्यक्ती मेरे परम पद को जरूर प्राप्त करता हैं इसमें कोई संदेह नहीं है। तों दोस्तों शास्त्रों में बिल्व वृक्ष का बहुत बड़ा महत्व है।ईस पेड़ में कयी तरह की दैविक शक्तियों का निवास होता है।  

शिव पुराण के अनुसार ईस वृक्ष की विधीवत पुजा करने से उस व्यक्ति पर धन के स्वामी कुबेर जी की असीम कृपा बनी रहती हैं और वह व्यक्ती धन धान्य सुख समृद्धि और सभी प्रकार के सुखों को प्राप्त करता हैं। तों दोस्तों चलीए जानते हैं कि ये साधना आपको कीस तरह से करनी है।

दोस्तों शिव पुराण के अनुसार श्रावण मास में यह साधना आरंभ करनी है। श्रावण मास की शुक्ल प्रतिपदा को सुबह पवित्र होकर तांबे के लोटे में थोडा सा दुध , शुद्ध जल ,शुद्ध घी का दीपक और पुजा का सामान लेकर ईस वृक्ष के पास जाएं और ईस वृक्ष की ऐसी जड देखें जो बाहर स्पष्ट रूप से दिख रही है। अगर आपको ऐसी जड नहीं दिख रही हो तो दुसरे वृक्ष के पास जाएं आप अपने हाथ से ईसकी जड को कतयी खुली नहीं करना है ईस बात का ध्यान रखें। जीस वृक्ष के नीचे आपको बाहर निकली हुई जड दिखाई दें तो उस बिल्व वृक्ष के नीचे बैठकर उस खुली जड पर आपने जो दुध लाया है उसे थोडा डालें और फीर तांबे के लोटे में का पानी जड पर डाल दें और फिर ईस जड के पास शुद्ध घी का दीपक लगाएं और यथाशक्ति जड की पुजा करें और नैवेद्य अर्पित करें और भगवान शिवजी से अपने ईच्छा पु्र्ती के लिए प्रार्थना करें। ईस तरह से ये साधना लगातार छह: मास तक करें यानी आपकी साधना जब पुर्ण होगी तो माघ मास यानी महाशिवरात्रि का पावन मास आरंभ होगा। तों ईस तरह से ये साधना करने से व्यक्ति कितना भी दरीद्री हो बदकीस्मत हो उसका भाग्य भगवान शिवजी की कृपा से जरुर खुलेगा और वह व्यक्ती सभी प्रकार के सुखों को प्राप्त करेगा उस व्यक्ति को ईसी जनम में नहीं बल्कि वह चाहे कीतनी बार भी जनम लेगा  उसे कभी भी दरीद्रता छु भी नहीं सकेगी और उसको मान सम्मान उच्च पद प्रतीष्ठा सभी की प्राप्ति होगी इसमें कोई संदेह नहीं है। क्यों की दोस्तों आपको तो पता है कि भगवान शिवजी कितने भोले और शिघ्र कृपा करने वाले है। शिव जी जब भी कीसी भक्त को देते हैं तो छप्पर फाड़कर नहीं बल्कि आसमान फाड़कर देते हैं । चाहे उस भक्त के हजारों हाथ भी है तो भी वह शिव जी के कृपा प्रसाद को लेने से थक ही जायेगा। वह कपड़े की झोली में तो क्या अगर वह पुरी धरती की भी झोली बनायेगा तों भी शिव जी की कृपा प्रसाद को रखने में धरती की झोली भी कम पड़ जायेगी। दोस्तों कीसी भी साधना में ईश्वर के प्रति श्रद्धा और विश्वास का होना अनिवार्य है तब जाकर कोई भी पुजा या साधना का फल प्राप्त होता हैं। क्यों की दोस्तों जब भी आपको कोई मीठा फल खाना है तो सबसे पहले आपको उस फल का पेड़ लगाना जरूरी होता है, ठीक उसी तरह पहले आप पुर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ किसी भी साधना को करेंगे तो निश्चित ही आपको उसका फल जरूर प्राप्त होगा ।