29 मई को शुक्रदेव का मीथुन राशि में प्रवेश पांच राशि वालों को मिलेगा बडा फायदा

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 नमस्कार दोस्तों आप सभी का बहुत बहुत स्वागत है।
दोस्तों ऐश्र्वर्य और सुख और प्रेम के कारक शुक्रदेव  शनिवार 29 मई  2021 को मिथुन राशि में प्रवेश करने वाले है। इसके बाद 22 जून को वे कर्क राशि में गोचर करेंगे। तो शुक्रदेव के ईस गोचर का बारह राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा और कीन कीन राशि वालों को इसका लाभ मिलेगा और कीन कीन राशि वालों को अशुभ फल मिलेगा इसके बारे में हम आपको विस्तृत रूप से जानकारी देंगे। दोस्तों यह फल आपकी लग्न कुंडली पर आधारित होगा और ईस गोचर के शुभ या अशुभ फल आपको तभी पूर्ण रूप से प्राप्त होंगे अगर आपकी कुंडली में भी ईस समय शुक्रदेव की महादशा या अंतर्दशा चल रही हैं तो कृपया इस बात को समझने की कोशिश करें।  तो दोस्तों चलिएं जानते हैं शुक्रदेव के गोचर का फल सबसे पहले बात करते हैं मेष राशि वालों की।

मेष :- मेष राशि वालों के लिए शुक्रदेव कुंडली के द्वितीय और सप्तम भाव के स्वामी हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार द्वितीय और सप्तम भाव का स्वामी अगर लग्नेश का शत्रु हैं तो वह हमेशा अशुभ फल देता हैं।  मंगलदेव आपके लग्नेश हैं और वे शुक्रदेव के शत्रु हैं और इस समय शुक्रदेव आपकी कुंडली के तृतीय भाव में गोचर करने वाले है। तो इस गोचर का अशुभ फल आपको ज्यादा मील सकता हैं। इस समय आपको पराक्रम और कष्ट से ही कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। अपने जीवन साथी से मनमुटाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती हैं। साथ ही अपने छोटे भाई या बहन के साथ संबंध बिगड़ने की संभावना है। इस समय आपको पैसा कमाने के लिए भी मेहनत करनी पड़ सकती हैं। 

वृषभ :- वृषभ राशि वालों के लिए शुक्रदेव लग्न और षष्ठम भाव के स्वामी हैं। जो इस समय आपकी कुंडली के  द्वितीय भाव में स्थित होंगे। इसके कारण यह समय आपके लिए बहुत ही लाभदायक रहेगा।  अपने परिवार के साथ समय बिताने का यह अच्छा मौका है। परिवार में मंगल कार्य के योग बनेंगे। तथा मंगल कार्य हेतु यात्रा भी कर सकते हैं। पैसों से संबंधित अधीक लाभ संभवित हैं। बैंक बैलेंस में वृद्धि हो सकती हैं।

मिथुन :- मिथुन राशि वालों के शुक्रदेव पंचम तथा द्वादश भाव के स्वामी हैं। जो इस समय आपकी कुंडली के लग्न भाव में स्थित होंगे। इसके कारण आपका आत्मविश्वास उंचाई पर होगा। बिगडे हुएं कार्यों में सफलता मिलेगी। अपने जीवन साथी और बिजनेस पार्टनर से लाभ मिलेगा। जीवनसाथी से संबंधों में दृढ़ता आयेगी तथा पिकनिक पर जाने के योग बनेंगे। चारों ओर से लाभ मिलेगा। साथ ही अच्छे कार्यों और खरीदारी पर पैसा खर्च हो सकता हैं।प्रेमीयों के लिए यह समय बहुत ही बढ़िया रहेगा। संबंध मधुर बनेंगे तथा प्रेम-विवाह के योग बनेंगे। 

कर्क :- कर्क राशि वालों के लिए शुक्रदेव चतुर्थ और एकादश भाव के स्वामी हैं। जो इस समय आपकी कुंडली के द्वादश भाव में रहेंगे। ईसके कारण यह समय आपके लिए मिश्रित फल देने वाला हो सकता हैं। इस समय आपका पैसा वाहन तथा एशो-आराम की चिजों पर खर्च हो सकता हैं। तथा कीसी धार्मिक स्थल पर दान करने में भी आप आगे रह सकते हैं। माता की सेहत पर खर्चा संभव है। 

सिंह :- सिंह राशि वालों के लिए शुक्रदेव तृतीय और दशम भाव के स्वामी हैं। इस समय वे आपके एकादश भाव में गोचर करेंगे। इसके कारण आपको लाभ प्राप्त करने में दिक्कत हो सकती हैं। आपके पास पैसा तो आयेगा लेकिन मेहनत भी बढ़ेगी। वाहन संबंधित खर्च में वृद्धि हो सकती हैं। साथ ही मौल्यवान चिजों की खरीदारी पर भी खर्च बढ़ने के संयोग बन सकते हैं। बिजनेस बढ़ाने हेतु इन्वेस्ट करना पड सकता हैं।

कन्या :- कन्या राशि वालों के लिए शुक्रदेव द्वितीय और नवम भाव के स्वामी हैं। और इस समय वे आपकी कुंडली के दशम भाव में प्रवेश करेंगे। यह समय आपके लिए बहुत ही फायदेमंद हो सकता हैं। इस समय आपके रूके हुए सरकारी कार्य पूर्ण होने के योग बनेंगे। नई नौकरी की तलाश में हैं तो ईस समय जरूर छोटी मोटी नौकरी के योग बन सकते हैं। तथा नौकरी में प्रमोशन के लिए भी यह समय बहुत ही बढ़िया रहेगा। अपने कार्यक्षेत्र में सबको प्रभावित करेंगे। बिजनेस बढ़ाने हेतु यात्रा भी संभव है। 

तुला :- तुला राशि वालों के लिए शुक्रदेव लगन और अष्टम भाव के स्वामी हैं। और इस समय वे आपकी कुंडली के नवम भाव में रहेंगे। इसके कारण यह समय आपके लिए काफी अनुकूल रहेगा। मन की इच्छाएं पूरी होगी। अपने भाग्य का भरपूर साथ मिलेगा। अपने पिता से जरूरी सहयोग प्राप्त होगा। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। तथा तिर्थ यात्रा पर जाने के योग बनेंगे। 

वृश्चिक :- वृश्चिक राशि वालों के लिए शूक्रदेव द्वादश और सप्तम भाव के स्वामी हैं। और इस समय वे आपकी कुंडली के अष्टम भाव में प्रवेश करेंगे। इसके कारण यह समय आपके लिए प्रतिकुल रहने की संभावना है। अपने जीवन साथी से मनमुटाव हो सकता हैं। तथा संबंधों में कटुता आ सकती हैं। बिजनेस पार्टनर से लाभ की अपेक्षा ना करें। हालांकि यहां पर शुक्रदेव विपरीत राजयोग का निर्माण करेंगे इससे कष्ट के साथ लाभ भी प्राप्त हो सकता हैं। इसके लिए आपकी कुंडली में शुक्र देव का बलाबल सही होना जरूरी है। तभी विपरीत राजयोग का लाभ आपको मिल सकता हैं। अपने वाहन चलाते समय सावधानी रखें। कीसी भी व्यक्ती पर हद से ज्यादा भरोसा ना करें। अपने पैसों को लेकर सावधानी बरतें।

धनु :- धनु राशि वालों के लिए शुक्रदेव षष्ठम और एकादश भाव के स्वामी हैं। इस समय वे आपकी कुंडली के सप्तम भाव में गोचर करेंगे। शुक्रदेव आपके लिए विशेष कारक ग्रह नहीं है। इसीलिए वे आपको विशेष लाभ नहीं दे सकते। फिर भी इस समय आपकी डेली वेजेस में थोडी बहुत वृद्धि हो सकती हैं। जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर ध्यान रखना जरूरी है। रिप्रोडक्टिव सिस्टम संबंधित कोई समस्या उत्पन्न हो सकती हैं। नई नौकरी या कामकाज मिलने की संभावना है।

मकर:- मकर राशि वालों के लिए शुक्रदेव पंचम तथा दशम भाव के स्वामी हैं। जो इस समय आपकी कुंडली के षष्ठम भाव में स्थित होंगे। इसके कारण सर्दि, खांसी, जुकाम आदि संसर्गजन्य रोगों का सामना आपको करना पड सकता हैं। इसलिए थोड़ी सावधानी बरतें। बीमार व्यक्तियों से दुरी रखें। स्वास्थ् संबंधित कीसी भी बिमारी का ईलाज जल्द करें। संतान और खुद के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। कर्ज में वृद्धि हो सकती हैं। अपने वाहन को लेकर सावधानी बरतें।

कुंभ :- कुंभ राशि वालों के लिए शुक्रदेव चतुर्थ और नवम भाव के स्वामी हैं। जो की इस समय वे आपकी कुंडली के पंचम भाव में गोचर करेंगे। इसीलिए यह समय आपके लिए विशेष सफलता देने वाला हो सकता हैं। अपने संतान को लेकर आनंदित वार्ता आयेगी। और मान सम्मान में वृद्धि होगी। लोग आपकी सलाह लेंगे। आपके ज्ञान में विशेष वृद्धि होगी। छात्रों के लिए यह समय बहुत ही फायदेमंद साबित होगा। पैसों का निवेश लाभदायक होगा। तथा लॉटरी में विशेष सफलता हासिल होगी। प्रेमीयों के लिए भी यह समय बहुत ही बढ़िया रहेगा। आपसी मनमुटाव दुर होंगे।

मीन :- मीन राशि वालों के लिए शुक्रदेव तृतीय और अष्टम भाव के स्वामी हैं। और इस समय वे आपकी कुंडली के चतुर्थ भाव में स्थित होंगे। इसके कारण इस समय अपनी माता और छोटी बहन के स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत होगी। मकान तथा प्रॉपर्टी संबंधित कार्यों में विलंब हो सकता हैं। कार्यक्षेत्र में सीनियर्स आपको निचा दिखाने की कोशिश कर सकते हैं। बिजनेस में सफलता प्राप्त करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड सकती हैं। अपने कीसी नजदीकी से हानी भी संभावित है। इसलिए कीसी पर भी आंखें बंद करके विश्वास ना करें।
तो दोस्तों यह था शुक्र देव के गोचर का सभी राशियों के लिए फल। अगर आप भी अपनी कुंडली का संक्षीप्त में विवेचन करना चाहते हैं तो कमेंट में अपनी जन्म की तारीख और समय लिखें हम आपकी कुंडली का संक्षीप्त में विवेचन करेंगे और साथ ही आपका ग्रहों की महादशा और अंतर्दशा के बारे में भी बतायेंगे। इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि सभी लोगों को लाभ मिल सके।